'रेप पीड़िता' अब जीवित नहीं, 40 साल बाद बरी हुआ आरोपी, कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कही ये बात

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Aug 16, 2024, 01:50 PM IST

सांकेतिक चित्र

'पीड़िता' की चचेरी बहन ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के साथ पहले से ही उसकी बहन का अफेयर चल रहा था. गवाही में वो आगे बताती हैं कि पीड़िता और आरोपी दोनों ने भाग कर शादी कर ली थी और उसके बाद आगरा मे रहने लगे थे.

1984 में दर्ज किए गए बलात्कार के एक मामले को लेकर 40 साल बाद मुंबई की सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस फैसले के तहत एक 70 वर्षीय व्यक्ति को सबूतों के अभाव मे बरी कर दिया है. लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने इसी साल उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार किया था. आइए जानते हैं क्या हा पूरा मामला.

क्या था पूरा मामला 
1984 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार का मामला आरोपी के खिलाफ दर्ज कराया जाता है, आरोपी का नाम दाऊद बंदू खान उर्फ पापा बताया जाता है. लड़की की मां ने 1984 में डीबी मार्ग थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप के मुताबिक उनकी 15 वर्षीय बेटी घर से यह कहकर निकली थी, कि वो बाथरूम जा रही है और उसके बाद वह नही मिली. शिकायतकर्ता ने उसे हर जगह ढूंढा, लेकिन वह नही मिली. आरोपी के खिलाफ 1985 में चार्जशीट दाखिल किया गया था, लेकिन आरोपी के लगातार फरार होने के चलते 1986 में गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. गौरतलब हो की खान को पुलिस ने उत्तर प्रदेश से 7 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया था. 

पीड़िता के बहन ने दी गवाही 
'पीड़िता' की चचेरी बहन ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के साथ पहले से ही उसकी बहन का अफेयर चल रहा था. गवाही में वो आगे बताती हैं कि पीड़िता और आरोपी दोनों ने ही भाग कर शादी कर ली और उसके बाद आगरा मे रहने लगे थे. उनके 4 बच्चे भी थे, जिसमें से 2 अब इस दुनिया मे नहीं रहे. वो यह भी बताया कि चूंकि ये मामला अब इतना पुराना हो चुका है कि अब पीड़िता, उसकी मां, पिता और अन्य गवाहों का भी मृत्यु हो चुकी है. जिसकी वजह से अभियोजन (Prosecution) की तरफ से कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया जा सका है.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कही ये बात
आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि खान को झूठे इल्जाम मे फंसाया गया था. इस मामले को देख रहे जज माधुरी एम देशपांडे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर इस अपराध से आरोपी को जोड़ने के लिए कोई सबूत नही है. चूंकि आरोपी पुलिस के हिरासत में है और Prosecution कि तरफ से ऐसा कोई सबूत नही पेश किया गया है जिससे आरोपी पर लगे आरोप सही साबित हो सके. आखिरकार कोर्ट ने इस 40 साल पुराने मामले में दाऊद बंदू खान उर्फ पापा को बरी कर दिया है.

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