देश में साइबर ठगी (Cyber Fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं. इन सबके बाद भी साइबर ठग आम लोगों को अपनी जालसाजी (Cyber Scam) का शिकार बना रहे हैं. देश की एक बड़ी आबादी इन ऑनलाइन स्कैम्स की भुक्तभोगी हो चुकी है. टेक्नोलॉजी का स्वरूप जिस तरह से अपग्रेटेड हो रहा है, उसी तरह से ठगी का तरीका भी नवीन होता जा रहा है. ऐसे में इससे बचने का एक ही तरीका है, वो है इनसब स्कैम को लेकर सजग रहना. सजगता से ही हम इन जालसाजों से सुरक्षित रह सकते हैं. इसी तरह की सजगता के साथ मुंबई की एक 13 साल की लड़की ने साइबर ठगों को मात दी है. ये मामला मुंबई के नालासोपारा इलाके का है. इस टीनएजर लड़की का नाम हर्षदा है. उसने कुछ दिनों पहले ही साइबर क्राइम को लेकर एक स्कूल लेक्चर को अटेंड किया था. हर्षदा के मम्मी के साथ जब साईबर ठगी करने की कोशिश की जा रही थी, तब वो अपने घर पर अकेली थी, और उसकी मम्मी का फोन भी उसके पास ही मौजूद था.
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साइबर ठग मे स्कैम के लिए गढ़ी नई कहानी
स्कैमर की तरफ से हर्षदा की मां के फोन नंबर पर कॉल आया. हर्षदा द्वारा कॉल रिसीव करने पर स्कैमर ने अपना नाम अशोक शर्मा बताया. उसने कॉल पर बताया कि उसने हर्षदा के पापा से 15,000 रुपये लिए थे, जो उसको लौटाने हैं, और वो ये पैसे हर्षदा की मां के नंबर पर भेजने वाला है. हर्षदा ने स्कैमर को कहा कि ठीक है, आप मेरी मां के नंबर पर वो पैसे भेज दीजिए. इसके कुछ देर बाद फिर से कॉल आया कि क्या उसे पैसे मिलने का मैसेज प्राप्त हुआ. हर्षदा ने उसे जवाब दिया कि उसे एक मैसेज मिला है, जिसमें 10,000 रुपये प्राप्त होने की बात लिखी हुई है. स्कैमर्स ने कहा कि बाकी के 5,000 भी कुछ देर में आ जाएंगे. उसके बाद फिर से स्कैमर ने कॉल किया और कहा कि उसने हर्षिदा की मां के खाते में उसने 5,000 रुपये की जगह गलती से 50,000 रुपये भेज दिए हैं, इसलिए उसे 45,000 रुपये वापस चाहिए. हर्षदा को ये सारा मजरा समझते देर नहीं लगी, वो समझ गई कि मामला कुछ गड़बड़ है. उसने अपनी मां का खाता चेक किया, और पाया कि उसपर फिलहाल कोई भी लेनदेन दर्ज नहीं है.
हर्षदा ने दिखाई सजगता
हर्षदा ने स्थिति को भांपते ही दो कार्य बेहद ही सजगतापूर्ण किए. उसने सबसे पहले तो अपनी मां का खाता चेक किया, और दूसरा कॉल पर स्कैमर से अगाह किया कि वो अपने पापा को कॉल पर जोड़ रही है. पापा का नाम सुनते ही स्कैमर उसे गुमराह करने लगा कि पैसा ऑनलाइन जमा हुआ है, इसलिए खाते पर चढ़ने में समय लगेगा. हर्षदा उसके किसी भी झांसे में नहीं आई. आखिरकार थक हारकर स्कैमर ने कॉल काट दिया. हर्षदा ने कॉल की रिकॉर्डिंग भी कर ली थी. इस मामले को लेकर हर्षदा के परिवार की तरफ से स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. इसके बाद नालासोपारा पुलिस ने उसके बयान और कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. नालासोपारा पुलिस स्टेशन में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 'हम उस मोबाइल नंबर के आधार पर स्कैमर का पता लगा रहे हैं, साथ ही इस मामले को लेकर आगे की जांच भी जारी है.'
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