Munawwar Rana ने दिया अजीबोगरीब बयान, 'पिता के मुसलमान होने की गांरटी, मां का पता नहीं'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 19, 2022, 01:06 PM IST

Munawwar Rana मां पर लिखी कविताओं के कारण काफी लोकप्रिय रहे हैं लेकिन अब उन्होंने मां को लेकर अजीबो-गरीब बात कही है.

डीएनए हिंदी: मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) अपनी अनेक मां पर लिखी कृतियों के कारण काफी लोकप्रिय रहे हैं लेकिन अब उन्होंने मां को लेकर ही अजीबो-गरीब बयान दे दिया है. उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा है कि मेरा बाप मुसलमान था, इसकी मैं गारंटी लेता हूं लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी गारंटी मैं नहीं लेता. उन्होंने यह बयान पसमांदा मुस्लिम को लेकर बीजेपी के कार्यक्रम को लेकर पूछे सवाल के जवाब में दिया था. 

बीजेपी लंबे वक्त से पसमांदा मुस्लिमों का साधने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं जब इस मुद्दे पर मुनव्वर राणा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पसमांदा की शब्दावली का मतलब ये होता है कि पिछड़े हुए लोग. समाज में जो पिछड़ जाते हैं, उन्हें पसमांदा कहा जाता है. इस्लाम में पसमांदा का कोई जिक्र नहीं था और न ही जात-पात का कोई जिक्र था. इसमें कोई नहीं जानता है कि कौन-कौन किस जाति का है. केवल ये जानते हैं कि ये अरबी हैं. इसी पर शादी होती है और इसी पर विवाह होता है. हिंदुस्तान में आकर हमलोग इस रंग में रंग गए हैं."

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इतना ही नहीं मुनव्वर राणा ने अपने बयान में कहा, "मैं बहुत इमानदारी से एक बात कहता हूं कि मेरा बाप मुसलमान था, इसकी मैं गारंटी लेता हूं लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी गारंटी मैं नहीं ले सकता. इसलिए कि मेरे पिता पहले भारत आए थे. वो चाहे ईसा पूर्व से आया हो, चाहे समरकंद से आया हो, चाहे मुखारद से आया हो, चाहे अफ्रीका आया हो या अरब से आया हो. वो फौज के साथ आया था और फौज बगल में बीवी लेकर नहीं चलते हैं. इसलिए मेरा बाप जो था वो मुसलमान था लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी इसकी मैं गारंटी नहीं ले सकता हूं."

उन्होंने आगे कहा, "मेरे पिता यहां आए. उसके बाद अपने तौर-तरीके से, अपनी अच्छी विचारधारा से वे लोग पूरे हिन्दुस्तान में फैसलते चले गए. जब यहां के लोगों ठुकराए हुए लोगों ने ये देखा कि ये कैसे लोग हैं तो उन लोगों ने इस्लाम को कबूल करना शुरू कर दिया." अपने इस बयान के जरिए मुनव्वर राणा ने यह बताया है कि पसमांदा मुस्लिम का इस्लाम में कोई जिक्र ही नहीं है और ये अरबी हैं. बीजेपी मुस्लिमों के नाम पर अरबी लोगों को टारगेट कर रही है. 

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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहले कई पसमांदा मुस्लिमों के धर्मगुरुओं से मिल चुके हैं. इतनी ही नहीं उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा था कि वे पसमांदा मुस्लिमों को लुभाने के लिए अभियान चलाएं. इसके बाद से बीजेपी लगातार पसमांदा मुस्लिमों से ज्यादा संपर्क कर रही है. 

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