Naga Peace Talks: नागा शांति वार्ता पर दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक, क्या खत्म होगा गतिरोध?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 03, 2022, 02:28 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो (फोटो- Twitter/BJP)

असम और नागालैंड के बीच नागा शांति वार्ता चल रही है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए हैं.

डीएनए हिंदी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने नागा शांति वार्ता (Naga Peace Talks) पर नागालैंड सरकार की कोर समिति के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है.

पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के समन्वयक हिमंत बिस्वा सरमा गुरुवार शाम दीमापुर पहुंचे थे और चुमूकेदिमा स्थित नियाथु रिजॉर्ट में देर रात तक चली बैठक में शामिल हुए. 

सूत्रों के मुताबिक, बंद कमरे में हुई इस बैठक में नगालैंड के मुख्यमंत्री निफियू रियो, राज्यसभा सदस्य फांगोन कोन्याक और यूडीए अध्यक्ष टीआर जेलियांग समेत समिति के 16 सदस्य मौजूद थे.

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दूसरी बार नागालैंड पहुंचे हैं हिमंत बिस्व सरमा

असम सरकार में मंत्री पीजूष हजारिका भी हिमंत बिस्व सरमा के साथ बैठक के दौरान मौजूद रहे. देर रात चली इस बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. यह दूसरी बार है, जब नगा राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा के लिए हिमंत बिस्व सरमा नगालैंड पहुंचे हैं. 

अचानक क्यों चर्चा में आए हिमंत बिस्व सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा सितंबर 2021 में राज्य का दौरा किया था और नागालैंड के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एनएससीएन (IM) से बातचीत की थी. कोर समिति ने केंद्र से बातचीत कर मुद्दे के समाधान के लिए नेडा के समन्वयक के तौर पर हिमंत बिस्व सरमा की मदद मांगी है. 

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कैसे निकलेगा समाधान?

असम के मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा था कि यह एक जटिल मुद्दा है और केंद्र तथा एनएससीएन (आईएम) को मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए. केंद्र सरकार 1997 से एनएससीएन (IM) और 2017 से नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूह (एनएनपीजी) के साथ अलग-अलग बातचीत कर रही है. 

क्यों नहीं बन रही है शांति वार्ती पर सहमति?

केंद्र ने तीन अगस्त 2015 को एनएससीएन (आईएम) के साथ एक समझौते पर और 17 नवंबर 2017 को एनएनपीजी के साथ एक ‘सहमति स्थिति’ पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, अभी तक इस मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकल पाया है, क्योंकि एनएससीएन (आईएम) नागा समुदाय के लिए अलग झंडे और अलग संविधान की मांग पर अड़ा हुआ है. (भाषा इनपुट के साथ)

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