क्या बदल जाएगा AIIMS का नाम? डॉक्टरों ने एकसुर में किया विरोध,कहा- जब Oxford...

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 04, 2022, 01:00 PM IST

Aiims

AIIMS New Name: सरकार की ओर से एम्स के नाम बदलने के प्रस्ताव का डॉक्टरों ने एक सुर में विरोध किया है. इसे लेकर फैकल्टी एसोसिएशन ने एक चिट्ठी भी लिखी है. पढ़ें पूजा मक्कड़ की रिपोर्ट-

डीएनए हिंदी: क्या एम्स (AIIMS) को आप किसी और नाम से पहचानना चाहेंगे. एम्स यानी All india institute of medical science. एम्स जिसकी पहचान वहां के डॉक्टरों, सस्ते इलाज और भारत में भरोसेमंद इलाज के तौर पर है, क्या उसका नाम बदला जाना चाहिए? एम्स के डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए. एम्स के डॉक्टरों की फैकल्टी एसोसिएशन ने चिट्ठी लिखकर सदस्यों से सुझाव मांगे हैं कि देश के 23 एम्स के नामों को क्या बदला जाना चाहिए? चिट्ठी में नाम बदलने के प्रस्ताव पर साफ ऐतराज जताते हुए ये भी कहा गया है कि जब दुनिया भर में Oxford - cambridge जैसी यूनिवर्सिटी ने सदियों से नाम नहीं बदले तो एम्स को उसकी पहचान से क्यों अलग किया जाए?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मागें थे नाम बदलने को लेकर सुझाव
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 23 एम्स से नया नाम रखे जाने से जुड़े प्रस्ताव मांगे थे. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार स्थानीय नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों और ऐतिहासिक स्मारकों  के नाम पर 23 एम्स के नाम रखना चाहती है. एम्स भोपाल, एम्स भुवनेश्वर, एम्स जोधपुर, एम्स पटना, एम्स रायपुर, एम्स ऋषिकेश, एम्स नागपुर, एम्स रायबरेली और एम्स मदुरै को नामों के संबंध में सुझाव दिए गए हैं. वैसे अभी एम्स पटना, एम्स भुवनेश्वर समेत सभी एम्स अपने शहरों के नाम से जाने जाते हैं. लेकिन फैकल्टी एसोसिएशन का मानना है कि चेन्नई, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों के नाम बदलने के बावजूद वहां मद्रास हाई कोर्ट और मद्रास यूनिवर्सिटी, कलकत्ता हाईकोर्ट और यूनिवर्सिटी इसी तरह बॉम्बे यूनिवर्सिटी हैं तो एम्स के साथ ऐसा करने का क्या तुक है.

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फैकल्टी एसोसिएशन ने लिखी चिट्ठी 
चिट्ठी में लिखा गया है कि ये नाम संस्थान की पहचान हैं और नाम बदलने से देश और दुनिया में एम्स की पहचान भी खो जाएगी. फैकल्टी एसोसिएशन ने इस बारे में एम्स के बाकी सदस्यों से दो दिन में राय देने के कहा है जिससे वो आगे कदम उठा सकें. 

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देश की पहचान है AIIMS

एम्स दिल्ली 1956 में बना था और यह देश की पहचान है. छह नए एम्स पटना, रायपुर, छत्तीसगढ़ , भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर और ऋषिकेश को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के पहले चरण में मंजूरी दी गई थी और इनका संचालन शुरू हो चुका है. 2015 और 2022 बने 16 एम्स में से 10 में एमबीबीएस और ओपीडी  शुरू की गई हैं, जबकि दो में केवल एमबीबीएस कक्षाएं शुरू की गई हैं.चार संस्थान निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं.

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