'मैं समागम से पहले निकल गया था...' हाथरस हादसे पर भोले बाबा की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?

रईश खान | Updated:Jul 03, 2024, 08:57 PM IST

हाथरस भगदड़ पर भोले बाबा की पहली प्रतिक्रिया

Narayan Sakar Hari on Hathras Stampede: हाथरस हादसे को लेकर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने सफाई देते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों ने यह भगदड़ मचाई थी.

हाथरस हादसे (Hathras Stampede) के लिए जिम्मेदार माने जा रहे नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की पहली प्रतिक्रिया आई है. बाबा ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस घटना के लिए बहुत दुख है. हम मृतक परिवारों के प्रति संवेदना जताते हैं और घायलों के जल्द स्वस्था होने की परमात्मा से प्रार्थना करते हैं. भोले बाबा ने सफाई दी है कि वह समागम में भगदड़ होने से निकल चुका था. यह असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाई गई.

भोले बाबा ने अंग्रेजी में एक चिट्ठी जारी की है. जिसमें लिखा, 'हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की प्रभु से कामना करते हैं. हमने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील डॉ. एपी सिंह को भगदड़ मचाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए अधिकृत किया है.'

'भगदड़ के वक्त मैं नहीं था मौजूद'
नारायण साकार हरि ने दावा किया कि वह हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलारी गांव में 2 जुलाई को समागम में भगदड़ होने से पहले निकल गए थे. बता दें कि इस हादसे के लिए स्वयंभू संत भोले बाबा जिम्मेदार माने जा रहे हैं. कार्यक्रम के समापन के बाद बाबा के पैर छूने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई थी. लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़के चले गए.  इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि काफी लोग घायल हुए.


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क्या बोले बाबा के गांव वाले
सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण हरि भोले बाबा कासगंज जिले की पटियाली तहसील में स्थित बहादुरनगर के रहने वाले हैं. नारायण हरि पुलिस की नौकरी छोड़कर धार्मिक उपदेशक बन गए थे. धीरे-धीरे लोग उनके विचारों से जुड़ते गये और उनके सत्संग में भीड़ जुटने लगी. स्थानीय लोगों के मुताबिक, ‘भोले बाबा पहले अपने गांव में ही सत्संग करते थे लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी, इसलिए उन्होंने गांव में सत्संग बंद कर दिया.

उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते. जब लोगों से पूछा गया कि बाबा ने बिना दान-दक्षिणा के कासगंज में इतना भव्य धाम कैसे बनाया, तो लोगों ने कहा कि यह भक्तों का दान है और बाबा ने उनसे कुछ मांगा नहीं था. महिलाओं का कहना है कि बाबा का आचरण बहुत अच्छा है और वह सिर्फ भगवान के बारे में ही बातें करते हैं. आश्रम के पास रहने वाले धन सिंह, मोहित कुमार और गांव के जय कुमार ने भी बाबा की प्रशंसा की और कहा कि वे और बड़ी संख्या में अन्य लोग अक्सर बाबा के सत्संग में जाते हैं.

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