महाराष्ट्र के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में दो लोगों को उम्र कैद की सजा मिली है. नरेंद्र दाभोलकर ने मूल रूप से अंधविश्वास के विरुद्ध मोर्चा खोला हुआ था. साल 2013 में उनकी हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या को लेकर आज पुणे की एक स्पेशल कोर्ट ने निर्णय सुनाया है. उनकी हत्या को लेक पांच आरोपियों में से दो को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं इस मामले में तीन को बरी कर दिया गया है. इस हत्याकंड की जांच 2014 से CBI कर रहा था.
दो को उम्रकैद, तीन बरी
कोर्ट ने आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े, मुंबई के वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहयोगी विक्रम भावे को पर्याप्त सबूतों के गैरमौजूदगी में बरी कर दिया है. कोर्ट ने दोनों मुख्य आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को दो को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
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