डीएनए हिंदीः नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होना है. इससे पहले कांग्रेस (Congress) शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को 13 जून की सुबह पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने को कहा है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ ईडी मुख्यालय तक जा सकते हैं.
आज बुलाई वर्चुअल बैठक
कांग्रेस ने गुरुवार को सभी एक अहम बैठक बुलाई है. इस वर्चुअल बैठक में सभी महासचिवों और प्रदेश अध्यक्षों शामिल होंगे. इस बैठक में कांग्रेस आगे की रणनीति तय कर सकती है. बता दें कि ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था. हालांकि उनके कोविड संक्रमित होने के कारण वह पेश नहीं हो सकीं. उन्होंने ईडी से 3 हफ्ते का समय और मांगा है.
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क्या है नेशनल हेराल्ड केस
जवाहर लाल नेहरु समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने Associate Journal Limited नाम से 1938 में एक कम्पनी बनाई थी, जो National Herald नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. चूंकि ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली. आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था. बल्कि वो इस कम्पनी के जरिए AJL को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. वर्ष 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने AJL को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन बैठे. आज उनसे होने वाली पूछताछ भारतीय राजनीति के लिए काफी अहम होने जा रही है. इसे आप चार अहम बदलावों के रूप में देख सकते हैं.
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7 साल से जमानत पर बाहर हैं सोनिया-राहुल
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया है. इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है. बाकी बचे सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिली हुई है. साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की. 18 सितंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस को जांच के लिए फिर से खोल दिया.
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