Navjot Singh Sidhu: जेल में घुटने की परेशानी से जूझ रहे हैं सिद्धू, डॉक्टर ने दे दी ये सलाह

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Jul 16, 2022, 06:48 PM IST

Navjot Singh Sidhu

Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिंह सिद्धू रोड रेज केस में अपनी सजा काट रहे हैं. वह कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) पार्टी के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) जेल में स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. साल 1988 के रोड रेज केस (Road Rage Case) में एक साल की सजा काट रहे सिद्धू घुटने की समस्या से जूझ रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला केंद्रीय जेल (Patiala Jail) में अपनी सजा काट रहे हैं. एक हड्डी रोग सर्जन ने जेल के अंदर सिद्धू की जांच की और उन्हें वजन कम करने की सलाह दी है. सिद्धू ने कहा है कि उन्हें अपनी बैरक में फर्श पर सोने की वजह से नवजोत सिंह सिद्धू को उठने में परेशानी होती है. सिद्धू को फर्श के बजाय बिस्तर पर सोने की भी सलाह दी गई है. 

जेल प्रशासन (Jail Administration) ने डॉक्टर की सलाह पर नवजोत सिंह सिद्धू को हार्ड बोर्ड बेड उपलब्ध कराया है. नवजोत सिंह सिद्धू की उम्र 58 साल है और वह एम्बोलिज्म जैसी चिकित्सीय स्थितियों से पीड़ित हैं और उन्हें लीवर की बीमारी भी है. 2015 में, सिद्धू का दिल्ली के एक अस्पताल में एक्यूट डीप वीन थ्रॉम्बोसिस (DVT) का भी इलाज हुआ था. 

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दलेर मेहंदी और सिद्धू एक ही बैरक में हुए बंद

पंजाबी गायक दलेर मेहंदी को भी जेल में उसी बैरक नंबर-10 में रखा गया है जहां सिद्धू बंद हैं. पटियाला की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को 2003 के मानव तस्करी मामले में पंजाबी पॉप गायक की दो साल की सजा को बरकरार रखते हुए जेल भेज दिया था. कोर्ट ने 2003 के मानव तस्करी मामले में निचली अदालत के 2018 के आदेश के खिलाफ मेहंदी की अपील खारिज कर दी थी. वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी मादक पदार्थ मामले में पटियाला केंद्रीय जेल में बंद हैं.

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क्या है रोड रेज केस?

नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ यह मामला क़रीब तीन दशक से भी अधिक पुराना है. नवजोत सिंह सिद्धू पर आरोप था कि वर्ष 1988 में उन्होने पार्किग विवाद को लेकर गुरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति की पिटाई की, पिटाई के चलते बाद में उसकी मौत हो गई. पटियाला के सत्र न्यायालय के जज ने 22 सितंबर, 1999 को सिद्धू और उनके सहयोगी को सुबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. (PTI इनपुट के साथ)

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