Farooq Abdullah: तिरंगे से भी फारूक अब्दुल्ला को आपत्ति? हर घर तिरंगा पर बोले- 'अपने घर में रखो'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 06, 2022, 07:51 PM IST

फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah Viral Video: मोदी सरकार की हर घर तिरंगा योजना का ज्यादातर लोग समर्थन कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं में से कुछ को इस योजना से आपत्ति है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम का इस मुद्दे पर दिए बयान का वीडियो वायरल हो रहा है और सोशल मीडिया यूजर्स उनकी निंदा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार के विरोध में फारूक देश का भी विरोध करने लगे हैं.

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और सांसद फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर चर्चा में है. इस बार वह अपने विवादित बयान की वजह से लोगों के निशाने पर हैं. दरअसल नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने हर घर तिरंगा योजना पर कह दिया कि अपने घर में रखो. उनके इस बयान की लोग काफी निंदा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें सरकार के साथ देश और तिरंगे से भी दिक्कत है. 

Viral हो रहा है वीडियो 
उनसे ईद और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सवाल किए जा रहे थे और फारूक अब्दुल्ला उसका तसल्ली से जवाब भी दे रहे थे. पहले उन्होंने ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि सब लोग घर में शांति से ईद मनाएं और गरीबों की मदद करें. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए कहा कि 9 तारीख को यशवंत सिन्हा जी यहां पर तशरीफ ला रहे हैं. उनसे बातचीत होगी और आपको (प्रेस) भी बताया जाएगा. इसके बाद एक पत्रकार ने पूछा कि केंद्र की हर घर तिरंगा योजना को आप किस तरह से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उसे अपने घर में रखो और कुछ खीजते हुए गाड़ी के अंदर बैठकर चले गए. 

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू की गई योजना 
केंद्र सरकार ने आजादी 75वें साल के मौके पर देशवासियों से हर घर तिरंगा अभियान के तहत अपने घरों में झंडा लगाने का आग्रह किया है. ज्यादातर लोगों के अंदर इसे लेकर काफी उत्साह है. बता दें कि इस साल आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और इसे दुनिया भर में आजादी के अमृत महोत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है. 

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पहले भी कई बार दे चुके हैं विवादित बयान 
फारूक अब्दुल्ला पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. उन्होंने चीन के साथ एलएसी पर तनाव के लिए अजीब बयान देते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने की वजह से सीमा पर तनाव हुआ है. उनके इस बयान की भी काफी आलोचना हुई थी.  

यूपीए की बैठक में विपक्ष उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार बनाना चाहता था लेकिन फारूक अब्दुल्ला ने इससे इनकार कर दिया था. उन्होंने ममता बनर्जी समेत दूसरे नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा था कि वह विनम्रता से यह प्रस्ताव अस्वीकार रहे हैं. हालांकि, विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को उन्होंने समर्थन देने का ऐलान किया है. 

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