'INDIA नहीं अब पढ़िए भारत', NCERT की किताबों में देश का नाम बदलने की सिफारिश

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 25, 2023, 03:24 PM IST

Representative Image

NCERT Books India Name Change: एनसीईआरटी पैनल ने स्कूल की सभी किताबों में इंडिया की जगह भारत शब्द लिखे जाने का प्रस्ताव भेजा है.

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान संस्थान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. एनसीईआरटी पैनल ने स्कूलों की सभी पाठ्यपुस्तकों में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने का प्रस्ताव भेजा है. NCERT पैनल ने अपनी सभी किताबों में इंडिया शब्द को बदनले के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. साथ ही एनसीईआरटी समिति ने सभी विषयों के लिए सिलेबस में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) शुरू करने की सिफारिश की है.

NCERT पैनल के अध्यक्ष सीआई इसाक ने कहा कि स्कूल पाठ्यपुस्तकों में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने का प्रस्ताव कुछ महीने पहले ही रखा गया था. उन्होंने कहा कि पैनल ने पाठ्यपुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत नाम रखने, पाठ्यक्रम में प्राचीन इतिहास’ के बजाय ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ को शामिल करने और भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) को शामिल करने का सुझाव दिया है. हालांकि, एनसीईआरटी के अधिकारियों ने कहा कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

ये भी पढ़ें- 'आपके दिमाग में गंदे कीड़े, हमास को भी लगा सकते हैं गले', शिंदे पर संजय राउत का पलटवार  

'किताब में हिंदू योद्धाओं की जीत को उजागर'
इसाक ने कहा कि पैनल ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों में 'भारत' नाम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. हमने पाठ्यपुस्तकों में 'प्राचीन इतिहास' के बजाय ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ को शामिल करने की भी सिफारिश की है. इतना ही नहीं समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न लड़ाइयों में मुगलों की जगह हिंदू योद्धाओं की जीत को उजागर करने की भी सिफारिश की गई है.

उन्होंने कहा कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न संघर्षों में हिंदू विजय गाथाओं पर जोर देने के लिए कहा है. इसाक ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में हमारी विफलताओं का उल्लेख किया गया है. लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी विजयों का नहीं. एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूली पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम को संशोधित कर रहा है. परिषद ने हाल ही में इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं शिक्षण सामग्री समिति (एनएसटीसी) का गठन किया था.

यह भी पढ़ें- अब सौदेबाजी पर उतरा हमास, 50 बंधकों को छोड़ने के लिए रख दी शर्त

इसाक ने कहा कि पैनल ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) को शामिल करने की भी सिफारिश की है. समिति के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्र, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं. (PTI इनपुट के साथ)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.