डीएनए हिंदी: एक तरफ 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है. उधर राम के नाम पर राजनीतिक बयानबाजी भी जमकर हो रही है. अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कुछ ऐसा कह दिया है कि जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग होने लगी है. जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि भगवान राम क्षत्रिय थे और उनका भोजन मांसाहार था. उन्होंने यह भी कहा कि देश के 80 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं तो क्या वे राम भक्त नहीं हैं? इस बयान के एनसीपी अजित पवार गुट के समर्थकों ने जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ प्रदर्शन भी किया जिसके चलते पुलिस ने उन्हें कुछ देर के लिए हिरासत में भी ले लिया.
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, 'उस वक्त राइस नहीं था, राम क्षत्रिय था. क्षत्रिय का खाना ही मांसाहार है, कोई बता दे कि राम मेथी की भाजी खाता था. इस देश के 80 प्रतिशत लोक मांसाहारी हैं तो वे राम भक्त नहीं हैं क्या? देश को शाकाहारी बनाना चाहते हो क्या? मैं अपने वक्तव्य पर कायम हूं.' उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी की हत्या इस वजह से हुई कि वह ओबीसी थे और लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते थे कि वह इतने बड़े नेता बन गए.
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'शिकार करके खाते थे भगवान राम'
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, 'राम हमारे हैं, बहुजन के हैं. राम शिकार करके खाते थे. आप चाहतें हैं कि हम शाकाहारी बन जाएं लेकिन हम राम को अपना आदर्श मानते हैं और मटन खाते हैं. 14 साल तक जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजन की तलाश में कहां जाएगा? ये सही या गलत? मैं हमेशा सही बात कहता हूं.'
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उनके बयान पर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि राजनीति के लिए यह बयानबाजी दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं, महाराष्ट्र बीजेपी ने ट्विटर पर लिखा, 'जितेंद्र आव्हाड आपका सार्वजनिक विरोध! आपने आज भगवान रामचंद्र को याद किया. आचरण और विचार की तरह ही उनके विचारों में भी राम की अपेक्षा और रावण अधिक प्रमुखता से दिखाई देता है. हमें नहीं पता कि हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने में उन्हें कौन सी खुशी मिलती है. प्रभु श्री रामचंद्र आपको अपने चरणों में सद्बुद्धि दें.'
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