Neet Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक मामले में अपना फाइनल फैसला सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह सामने आया है कि इस पेपर लीक को सिस्टमैटिक फेलियर नहीं माना जा सकता है. पेपर लीक पटना और हजारीबाग में ही हुआ है. कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा है कि गलत तरीके से एग्जाम देने वाले कैंडिटेट की पहचान करना सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की जिम्मेदारी है.
पेपर लीक रोकने के लिए SOP तैयार करे NTA
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी बनती है कि पेपर लीक को रोकने के लिए SOP तैयार करे. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक मामले में किसी का निवारण नहीं हुआ, तो वो हाईकोर्ट जा सकते है. कोर्ट ने कहा कि हमने सारी दलीलों को सुनने के बाद ही ये फैसला लिया है.
लापरवाही से बचने की सलाह
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा पेपर लीक बड़े स्तर पर नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट ने NTA से कहा है कि इसको लेकर उन्हें ध्यान देना चाहिए. वहीं भविष्य में होने वाली लापरवाही से बचने की सलाह दी है.
सेंटर के कई विद्यार्थियों के फुल मार्क्स
तीन जजों की बेंच ने पुष्टि की है कि प्रश्न का केवल एक ही सही उत्तर था और यह उत्तर वही था जो NTA ने शुरू में जारी अपने उत्तर कुंजी में दिया था. दरअसल, 4 जुन को NTA ने नीट यूजी 2024 के रिजल्ट की घोषणा की थी, जिसमें लगभग एक ही सेंटर के कई विद्यार्थियों के फुल मार्क्स आए थे.
दोबारा परीक्षा की मांग खारिज
रिजल्ट के बाद पेपर लीक के मामले ने तूल पकड़ा था और इसमें कई सारी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. देश के अलग-अलग कोनों में पेपर लीक को लेकर छापेमारी की गई और इससे जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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