डीएनए हिंदी: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों में असिस्टेंड प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नए नियम जारी किए हैं. नई अधिसूचना के मुताबिक, असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में NET या SET या SLET पास करना जरूरी होगी. इन परीक्षाओं को पास करने वाले अभ्यर्थियों को सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रखा जाए सकेगा. UGC के मुताबिक, ये नियम 1 जुलाई 2023 से लागू कर दिए गए हैं.
यूजीसी रेगुलेशन्स 2018 में बदलाव करते हुए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के नियम बदले गए हैं. अब इन्हें यूजीसी रेगुलेशन्स 2023 कहा जाएगा. नए नियमों के मुताबिक, सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए न्यूनतम योग्यता NET या SET या SLET होगी. इसी के साथ साल 2021 में किए गए नियुक्ति से संबंधित बदलावों को भी रद्द कर दिया गया है.
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PhD नहीं होगी जरूरी!
इसी साल मार्च महीने में UGC के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए PhD की अनिवार्यता को खत्म किया जाएगा. उनके मुताबिक, NET क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थी सीधे ही आवेदन करके असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे.
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हालांकि, आपको यह भी बता दें कि पहले से ही ज्यादातर विश्वविद्यालयों में पोस्ट ग्रेजुएट और NET क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर रखा जाता है. कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज एक और नियम रखते हैं कि NET क्वालिफाई कर चुका अभ्यर्थी कहीं न कहीं PhD में एडमिशन भी ले चुका हो. UGC ने इस संबंध में कोई नियम नहीं जारी किया है.
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