धारा 106 को छोड़कर 1 जुलाई से बदल जाएंगे अपराध कानून, जानिए इन कानूनों की A B C

Written By कविता मिश्रा | Updated: Feb 25, 2024, 12:58 PM IST

New criminal laws

Three New Criminal Laws: नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है.

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. 23 फरवरी को जारी क‍िए गए इस नोट‍िफ‍िकेशन के बाद अब वर्तमान में लागू ब्र‍िट‍िश काल के भारतीय दंड संहिता, आपराध‍िक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम न‍िर्धार‍ित तारीख से खत्‍म हो जाएंगे. नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा. इसके साथ ही 1 जुलाई से हत्या, ठगी सहित कई धाराओं में भी बदलाव लागू हो जाएगा. ऐसे में आइए उन सभी धाराओं के बारे में जानते हैं, जिनमें बदलाव किए गए हैं. 

हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 होगी, जबकि हत्या के प्रयास के लिए धारा 307 की जगह 109 हो जाएगी. रेप के लिए 376 की जगह धारा 63 और ठगी के लिए 420 की जगह धारा 316 होगी. पहले आईपीसी में कुल 511 धाराएं थीं, जोकि अब 356 रह गई हैं. नए कानून में आठ नई धाराएं जोड़ी गई हैं, जबकि 22 धाराएं हटा दी गई हैं. वहीं 175 धाराएं बदल गई हैं. पूछताछ से ट्रायल तक सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करने का प्रावधान हो गया है, जो पहले नहीं था. सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा. हालांकि, हिट एंड रन केस का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा.  केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से सलाह के बाद ही लिया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि ट्रक चालकों ने इन प्रावधानों का विरोध किया था. कानून के प्रावधान सामने आने के बाद ट्रक चालकों ने धारा 106 (2) के प्रावधान का विरोध किया था. इसमें उन लोगों को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जो तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनते हैं और घटना के बारे में पुलिस को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं.


इसे भी पढ़ें- Sudarshan Setu: PM मोदी ने किया सुदर्शन सेतु का उद्घाटन, क्या है भारत के सबसे लंबे केबल ब्रिज की खासियत?



नए अपराध कानून से होंगे ये बदलाव 

  •  नए कानून में रेप के दोषी को फांसी की सजा सुनाने का प्रावधान है. पहले रेप की धारा 375, 376 थी, जिसे बदलकर 63, 69 कर दिया गया है. नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी की सजा होगी. वहीं गैंगरेप के मामले में दोषी को 20 साल तक या जिंदा रहने तक जेल की सजा सुनाने का प्रावधान है. 
  • नए कानून में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को अब जेल जाना पड़ेगा.
  • नए कानून में आतंकवादी कृत्य, जो पहले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम जैसे खास कानूनों का हिस्सा थे, इसे अब भारतीय न्याय संहिता में शामिल किया गया है. नए कानूनों के तहत जो भी शख्स देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें आतंकवादी माना जाएगा. 
  • संगठित अपराध के लिए नई धारा जोड़ी गई है. किसी सिंडिकेट की गैर-कानूनी गतिविधि को दंडनीय बनाया गया है. सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधि के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं.
  • शादी, रोजगार, प्रमोशन, झूठी पहचान आदि के झूठे वादे के आधार पर यौन संबंध बनाना भी अपराध की श्रेणी में आएगा.
  • नस्ल, जाति, समुदाय आदि के आधार पर हत्या से संबंधित अपराध के लिए नए प्रावधान के तहत लिंचिंग के लिए न्यूनतम सात साल की कैद या आजीवन जैल या मृत्युदंड की सजा होगी.
  • स्नैचिंग को लेकर भी कानून बनाया गया है. घटना  में अगर  गंभीर चोट लगती है या स्थायी विकलांगता होती है तो ज्यादा कठोर सजा दी जाएगी.
  • 23 अपराधों में अन‍िवार्य न्‍यूनतम सजा के प्रावधान को भी शामि‍ल क‍िया गया है. 6 तरह के अपराधों में कम्‍युन‍िटी सर्व‍िस की सजा का प्रावधान भी क‍िया गया है.

 

 


इसे भी पढ़ें- Meow Meow Drugs क्या है, पौधों की खाद से कैसे बन गई दुनिया की सबसे खतरनाक ड्रग्स, पढ़ें पूरी बात


तीनों कानूनों को संसद से मिली थी मंजूरी 

इन तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से मंजूरी मिल गई थी. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कानून को लेकर 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी थी. भारतीय साक्ष्य संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था. गृह मंत्री ने संसद में इन तीनों कानून को पेश करते समय कहा था कि अंग्रेजों के बनाए राजद्रोह कानून की जगह अब देशद्रोह का इस्तेमाल किया जाएगा.  

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.