Jammu-Kashmir फिर से बनने वाला है राज्य, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बता दिया मोदी सरकार का प्लान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 06, 2022, 08:15 AM IST

निर्मला सीतारमण

Jammu Kashmir Statehood: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जल्द ही राज्य का दर्जा दिया जाए.

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर अब केंद्र-शासित प्रदेश है. साल 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भी समाप्त कर दिया गया था. तब से ही लगातार मांग की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्ज दिया जाएगा. अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इशारा किया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से देने पर विचार कर रही है. जम्मू-कश्मीर में अगले साल तक विधानसभा चुनाव भी करवाए जा सकते हैं.

निर्मला सीतारमण ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को धनराशि के वितरण के बारे में जानकारी देते हुए ऐसे संकेत दिए. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के 2014-15 में 14वें वित्त आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था कि सभी टैक्स का 42 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को देना चाहिए.'

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राज्यों को 42 प्रतिशत और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलता है 41 प्रतिशत हिस्सा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, '14वें वित्त आयोग ने कहा था कि राज्यों को मिलने वाले हिस्से को बढ़ाकर 42 फीसदी कर दें. यानी, इस फैसले से केंद्र सरकार के हाथ में कम पैसे बचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के वित्त आयोग की सिफारिश को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया और इसीलिए आज राज्यों को 42 प्रतिशत धन राशि मिलती है. जम्मू-कश्मीर को 41 प्रतिशत धन राशि मिलती है, क्योंकि वह एक राज्य नहीं है. शायद जल्द ही इसका राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा.'

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर अब विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है. वहीं, लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है. जम्मू-कश्मीर में परिसीमन नए सिरे से हो चुका है. वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल के शुरुआती महीनों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं. निर्मला सीतारमण के बयानों का इशारा समझें तो एक संभावना यह भी है कि चुनाव से पहले ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाए.

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