Nirmala Sitharaman ने कहा- आधे-अधूरे रह गए थे 1991 के आर्थिक सुधार, कांग्रेस बोली- भगवान का शुक्र है... 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 16, 2022, 07:02 PM IST

निर्मला सीतारमण पर बरसे पी. चिदंबरम

Nirmala Sitharaman on Economy: निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 1991 में हुए आर्थिक सुधार आधे-अधूरे रह गए थे इस वजह से मोदी सरकार को कई बदलाव करने पड़े.

डीएनए हिंदी: देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के एक बयान पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1991 में किए गए आर्थिक सुधार (Economic Reforms) आधे-अधूरे रह गए थे और इसमें सुधार के लिए 2014 में जीत के बाद बीजेपी सरकार (BJP Government) को कई काम करने पड़े. अब कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambram) ने निर्मला सीतारमण को आड़े हाथ लेते हुए तंज कसा है. चिदंबरम ने कहा है कि भगवान का शुक्र है कि डॉ. मनमोहन सिंह ने डिमोनेटाइजेशन, जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स लगाने जैसे फैसले नहीं लिए.

गुरुवार को एक कार्यक्रम में पहुंचीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के साथ-साथ कई मूलभूत बदलाव भी किए गए. निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 के बाद से किए गए बदलावों की वजह से ही आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें नंबर पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि ऐसा काफी पहले हो जाना चाहिए था कि लेकिन हमारे देश की अर्थव्यवस्था गलत रास्ते पर चल रही थी.

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निर्मला सीतारमण पर भड़के पी चिदंबरम
1991 के आर्थिक सुधारों पर बयान को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना की. चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'कथित तौर पर वित्त मंत्री ने कहा है कि 1991 के सुधार आधे-अधूरे थे. भगवान का शुक्र है, डॉ मनमोहन सिंह ने विमुद्रीकरण, मल्टी रेट जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स लगाने जैसे फैसले नहीं लिए. हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने विश्वविद्यालय में बेकरी और कुकिंग कोर्स किया.'

निर्मला सीतारमण ने 1991 में मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री रहते किए गए आर्थिक सुधारों की आलोचना करते हुए कहा, '2014 के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी ने कई आर्थिक सुधारों का ऐलान किया है. हमारी जिम्मेदारी थी कि हम इसकी कमियों को दूर करें न कि इसको लेकर लोगों के बीच डर पैदा करें. यही वजह है कि राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद पीएम मोदी ने इन सुधारों को तरजीह दी. हमने जीएसटी लागू किया और कई अन्य बड़े सुधार करके दिखाए.'

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