Nithari Kand: निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली और पंढेर की फांसी की सजा रद्द, हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 16, 2023, 12:02 PM IST

Nithari Kand

Nithari Kand Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निठारी कांड के दोषियों कोली और पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है.

डीएनए हिंदी:  उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के नोएडा में हुए निठारी कांड केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने इस मामले के दोषियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है. इन दोनों को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. फिलहाल, ये दोनों जेल में ही बंद हैं. सुरेंद्र कोली को कुल 12 और पंढेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने 14 मामलों पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा रद्द कर दी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि इनके खिलाफ सीधे तौर पर कोई सबूत नहीं होने की वजह से बरी किया गया है.

साल 2005 से 2006 के बीच नोएडा में हुए इस कांड के मामले में सीबीआई ने कुल 16 केस दर्ज किए थे. इनमें से 14 केस ऐसे हैं जिनमें सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा हो चुकी है. मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ कुल 6 मामले थे जिसमें से 3 में उसे फांसी की सजा हो चुकी है. अब इनमें से सुरेंद्र कोली को 12 केस और पंढेर को कुल 2 केस में राहत मिल गई है. अभी भी सुरेंद्र कोली को दो केस में और पंढेर को एक केस में फांसी की सजा दी जानी है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में सांस लेना दूभर, पहाड़ों में घर से निकलना मुश्किल, मौसम बदला

क्या है निठारी कांड?
साल 2005 से 2006 के बीच कई बच्चों का अपहरण करने, उनका रेप करने, हत्या करने और सबूत मिटाने के आरोपों में मनिंदर सिंह पंढेर और उसके सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया गया था. पंढेर के खिलाफ मानव तस्करी का भी आरोप लगाया गया था. यह मामला तब शुरू हुए जब कई बच्चे और लोग गायब हो गए थे. 7 मई 2006 को एक युवती गायब हो गई थी जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट नोएडा सेक्टर 20 के थाने में दर्ज कराई गई थी. इस युवती को नौकरी दिलाने के बहाने से मनिंदर सिंह पंढेर ने बुलाया था. पुलिस ने तलाश शुरू की तो पंढेर की कोठी के पीछे के नाले में 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे. इसके बाद पुलिस ने पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया था.

यह भी पढ़ें- स्वामी प्रसाद बोले, 'जिन्ना नहीं सावरकर की वजह से बंटा भारत'

इस केस में खुलासा हुआ कि सुरेंद्र कोली निठारी में स्थित पंढेर की कोठी पर रहता था और वहां से गुजरने वाले बच्चों और लड़कियों का अपहरण कर लेता था. वह इन बच्चों को मारता-पीटता, रेप करता और बड़ी ही क्रूरता से उनकी हत्या करके शव को पीछे नाले में फेंक देता था. पंढेर पर आरोप हैं कि वह बच्चों के शवों से कुछ अंगों को निकाल लेता था और विदेश में इनकी तस्करी करता था.

हाई कोर्ट ने इनकी याचिकाओं पर सुनवाई की. अपनी याचिका में दोनों दोषियों ने कहा था कि इन घटनाओं का  कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है और उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर सजा सुनाई गई है. जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की बेंच ने इन दोनों को बरी कर दिया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Nithari Kand Surendra Koli Manindar Singh Pandher allahabad high court