केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि एक बार एक नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देने की बात कही थी. हालांकि, गडकरी ने ये ऑफर ठुकरा दिया था. तब उन्होंने कहा थि पीएम बनना उनकी लालसा नहीं. बता दें कि नितिन गडकरी एक पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में शामिल हुए थे. वहां उन्होंने कई पत्रकारों को सम्मानित भी किया.
PM बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं-गडकरी
नागपुर में आयोजित इस पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में गडकरी नेक हा कि मुझे एक घटना याद है. मैं किसी का नाम नहीं लूंगा... उस व्यक्ति ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं तो हम समर्थन करेंगे. हालांकि, गडकरी ने तो उस नेता के नाम का खुलासा किया और न ही ये बताया कि ये बात कब की है. गडकरी ने आगे कहा-जब मुझे ये प्रस्ताव मिला तब मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे? और मैं आपसे समर्थन क्यों लूंगा? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है. केंद्रीय परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद की पेशकश के साथ ही एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने उनसे संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था. हालांकि, गडकरी ने उस नेता की पार्टी का खुलासा नहीं किया है कि वो किस पार्टी का था.
'मैं विचारधारा का पालन करने वाला इंसान हूं'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं एक विचारधारा और दृढ़ भरोसे का पालन करने वाला इंसान हूं. मैं अपने संगठन के प्रति वफादार हूं. मैं उस पार्टी से हूं, जिसने मुझे सब कुछ दिया है, जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता. मेरे लिए मेरा दृढ़संकल्प सर्वोपरि है. मेरा मानना है कि दृढ़ निश्चय होना ही लोकतंत्र की ताकत है. मैं किसी पद के लिए अपनी विचारधारा, अपने दृढ़संकल्प से समझौता नहीं करूंगा'
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कई पत्रकार हुए सम्मानित
गडकरी एक पत्रकार सम्मान समारोह में पहुंचे थे. यहां उन्होंने चार वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानति किया. पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए 2023-24 के लिए अनिलकुमार सम्मान से चार पत्रकारों को सम्मानित किया. सम्मानित पत्रकारों में विवेक देशपांडे, राम भागवत, श्रीमंत माने और राम भाकरे हैं. इस अवसर पर गडकरी ने पत्रकारों से पत्रकारिता और राजनीति दोनों में नैतिकता के महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी सफल सकता है जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जैसे चारों स्तंभ नैतिकता का पालन करें.
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