Maharastra के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त को तेज हवाओं के चलते गिर गई. इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त को पालघर में एक रैली के दौरान माफी मांगी और छत्रपति शिवाजी महाराज को केवल एक महाराजा ही नहीं, बल्कि पूजनीय इंसान भी बताया. मूर्ति के गिरने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक फसाद शुरू हो गया, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस घटना पर अपना रिएक्शन देते हुए कहा है कि मूर्ति को बनाने में stainless steel का यूज नहीं किया गया था, जो कि समुद्री इलाकों के लिए जरुरी होता है. गडकरी ने फिक्की के एक प्रोग्राम में कहा कि अगर मूर्ति को बनाते टाईम rustless stainless steel का यूज किया गया होता, तो यह हादसा नहीं होता. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि समुद्र के पास बने ढांचों में स्टेनलेस स्टील का यूज करना चाहिए, ताकि जंग जैसी दिक्कतों से बचा जा सके.
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फरार हो गया मूर्तिकार
इस घटना के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, जो मूर्ति गिरने के बाद से गायब है. पुलिस ने आप्टे और स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन पाटिल के खिलाफ भी FIR दर्ज की है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को इस मूर्ति का उद्घाटन किया था, लेकिन सिर्फ 266 दिनों बाद यह मूर्ति गिर गई.
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