INDIA गठबंधन की मीटिंग के बाद नीतीश कुमार के तेवर तल्ख! बुलाई JDU की अहम बैठक

Written By रईश खान | Updated: Dec 20, 2023, 04:36 PM IST

Bihar के मुख्यमंत्री Nitish Kumar.

INDIA Alliance News: इंडिया गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का संयोजक एवं पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा.

डीएनए हिंदी: 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की 19 दिसंबर यानी मंगलवार को बैठक हुई. इस बैठक में सीट बटंवारे, आगे की रणनीति जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.  यह विपक्षी एकता की चौथी बैठक थी. लेकिन अभी तक किसी भी मुद्दे पर फाइनल सहमति नहीं बन पाई है. इस बैठक में जेडीयू को भी निराशा हाथ लगी है. क्योंकि JDU लगातार मांग कर रही थी कि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका होनी चाहिए. लेकिन बैठक में इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.

इस बीच नीतीश कुमार ने अगले हफ्ते यानी 29 दिसंबर को JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक पर अब सभी की निगाहें टिक गई हैं. दरअसल, इंडिया गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार के तल्ख तेवर के बाद JDU की यह मीटिंग काफी अहम मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक में नीतीश कुमार को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है.

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बैठक में JDU ने अपने सभी सदस्यों को बुलाया
वैसे तो जेडीयू की इस बैठक का समय INDIA गठबंधन की मीटिंग से पहले ही तय हो गया था. लेकिन मंगलवार को इसकी सूचना आने के बाद बैठक का वोल्टेज बढ़ गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से इतर कोई अहम कदम उठा सकते हैं. इस बैठक में जेडीयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 99 सदस्य और राष्ट्रीय परिषद के सभी 200 सदस्यों को शामिल होने के लिए कहा है. जदयू ने पार्टी के तमाम राष्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के साथ-साथ जिलाध्यक्षों और समिति के सदस्यों को भी बुलाया है.

हिंदी भाषा को लेकर भड़के नीतीश
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की इस बैठक में नीतीश कुमार उस समय आपा खो बैठे, जब उनके संबोधन के बाद द्रमुक सांसद टीआर बालू ने उसका अंग्रेजी ट्रांसलेशन करने की मांग कर दी. नीतीश कुमार ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बताते हुए हर नेता को उसका ज्ञान होना आवश्यक होने की बात कह दी. इससे माहौल में तनाव पैदा हो गया. द्रमुक लगातार हिंदी विरोध की राजनीति करती रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि यह भाषा विवाद इंडिया ब्लॉक की एकता पर खासा प्रभाव डालने वाला है. 

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