बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) की विदाई हो गई है. नीतीश सरकार ने केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के अनुरोध को मंजूरी दे दी है. पाठक ने दिल्ली जाने के लिए आवेदन दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया है. 1990 बैच के IAS अधिकारी का शिक्षा विभाग में बीते 8 महीने का कार्यकाल काफी विवादित भरा रहा.
केके पाठक के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक हंगामा बरपा था. बिहार विधानसभा परिषद में गुरुवार को भी सदस्यों ने एकजुट होकर विरोध जताया. शून्यकाल के दौरान बीजेपी, कांग्रेस और वामदल के सदस्यों ने हंगामा करते हुए अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. विधानसभा परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के रवैये को सरकार की अवमानना बताते हुए सदन में बुलाने की मांग की.
जेडीयू के नेता संजीव कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बावजूद स्कूलों का समय नहीं बदला है. पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए स्कूलों का समय सुबह 9 से 5 बजे तक कर दिया था. इसके बाद सीएम नीतीश ने कहा कि स्कूलों का समय सुबह 10 से 5 बजे तक ही रहेगा. वह केके पाठक से कह देंगे. लेकिन उनके बयान के बाद भी स्कूलों का समय नहीं बदला गया.
2023 में संभाला पद
नीतीश सरकार ने केके पाठक को 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लेकर आई थी. उस समय उन्हें मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी दी गई. करीब डेढ़ साल के बाद जून 2023 में पाठक का तबादला शिक्षा विभाग में कर दिया था. इस विभाग में उन्होंने 8 महीने का समय बिताया था. इस दौरान उन्होंने शिक्षा के सुधार में कई अहम कदम उठाया था.
कौन हैं KK Pathak?
केशव कुमार पाठक उर्फ केके पाठक 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं. उनका जन्म 15 जनवरी 1968 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. जिसके बाद अर्थशास्त्र में ही स्नातकोत्तर (M.phil) किया. वर्ष 1990 में पाठक की पहली नियुक्ति कटिहार में हुई थी. इसके बाद गिरिडीह में भी एसडीओ रहे.
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