Nitish Kumar 2024: बिहार की राजनीति में फिर हो सकता है बड़ा उलटफेर, नीतीश कुमार की बैठकें और मीटिंग दे रही इशारा 

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Dec 27, 2023, 12:40 PM IST

Nitish Kumar May Join NDA Again

Bihar Politics JDU: बिहार की राजनीति में खरमास के महीने में भारी उठा-पटक देखने को मिल रही है. पटना में मुलाकातों और बैठकों का सिलसिला जारी है और इस बीच सूत्रों से खबर आ रही है कि नीतीश कुमार फिर पाला बदलने के मूड में हैं.

डीएनए हिंदी: कभी आरजेडी के साथ गठबंधन तो कभी एनडीए में शामिल हो जाना नीतीश कुमार अब तक ये सब कुछ अपनी सुविधा के मुताबिक करते रहे हैं. इस बीच बिहार की राजनीति फिर कोई करवट ले सकती है क्योंकि मुलाकातों और बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. एनडीए में नीतीश की वापसी के लिए अमित शाह के तेवर अब पहले जितने सख्त नहीं हैं और दूसरी ओर खुद नीतीश इंडिया अलायंस में अपने लिए मनचाही जगह बना नहीं सके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जेडीयू की कोर टीम वापस एनडीए के साथ जाना चाहती है जबकि अध्यक्ष ललन सिंह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और नए साल में इस्तीफा दे देंगे. 

मीडिया रिपोर्ट्स जेडीयू के सूत्रों के हवाले से दावा कर रही है कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस का हाथ झटकने का मन बना लिया है. एक बार फिर वह आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ जा सकते हैं. पिछले साल 9 अगस्त को अचानक ही बीजेपी से नाता तोड़कर बिहार के सीएम ने आरजेडी के सहयोग से नई सरकार बना ली थी. अब डेढ़ साल से भी कम समय में फिर वह पलटी मारने के लिए तैयार हैं और इस बार वह कांग्रेस की वजह से नाराज हैं. 

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JDU अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं ललन सिंह 
खबर है कि 29 दिसंबर को होने वाली बैठक में ललन सिंह अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं. ऐसी चर्चा भी है कि ज्यादातर जेडीयू के नेता चाहते हैं कि एनडीए के साथ ही गठबंधन किया जाए क्योंकि यह संबंध पुराना है. दूसरी ओर नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में अपनी हैसियत से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि न तो उन्हें संयोजक का पद मिला और न ही उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है. इसके अलावा, आरजेडी और कांग्रेस के सहज गठबंधन की वजह से भी नीतीश खुद को असुरक्षित महसूसर कर रहे हैं.

कांग्रेस से नाराज हैं नीतीश कुमार? 
नीतीश कुमार खुद को पीएम पद के दावेदार के तौर पर पेश करना चाहते थे लेकिन इंडिया गठबंधन की बैठक में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे बढ़ा दिया. विपक्षी एकता के लिए नीतीश ने खुद पहल की थी और वह उत्साह के साथ इसमें भागीदारी निभा रहे थे लेकिन इसके बाद भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसकी उम्मीद थी. सूत्रों का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने इसे अपमान के तौर पर ले लिया है और अब वह कांग्रेस को सबक सिखाने के मूड में आ गए हैं. 

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