डीएनए हिंदी: नए साल का जश्न मनाने में दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) के लोग सबसे आगे रहते हैं. नोएडा में तो मॉल, क्लब, पब और बार की पूरी दुनिया ही बसी हुई है. इसी का फायदा आबकारी विभाग को हुआ. 31 दिसंबर के दिन ही पार्टी के मूड में आए नोएडावासी एक दिन में 9 करोड़ की शराब पी गए. इस साल के दिसंबर महीने में शराब की बिक्री (Liquor Consumption) जमकर हुई और पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत का इजाफा हुआ. आबकारी विभाग ने बताया है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में दिसंबर महीने में लगभग 140 करोड़ रुपये की शराब बिकी है.
31 दिसंबर को हुई शराब की बिक्री में कंट्री लिकर, फॉरेन लिकर और बीयर शामिल है. अगर दिसंबर, 2022 की बात करें तो इस एक महीने में नोएडा के लोग लगभग 139.6 करोड़ की शराब पी गए. रिकॉर्ड तोड़ शराब बिक्री से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे का कारण पिछले 2 सालों से कोरोना की पाबंदियां के बाद मिली छूट का भी असर माना जा रहा है.
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नोएडा में हैं शराब की 550 दुकानें
गौतमबुद्ध नगर के सहायक आबकारी आयुक्त आर बी सिंह ने बताया कि शहर में 98 बार लाइसेंस, 82 के करीब ओकेशनल लाइसेंस, 140 फॉरेन लिकर, 138 बीयर शॉप, 25 मॉडल शॉप, 231 देशी शॉप और 15 प्रीमियम रिटेल वेंडर की दुकानें हैं. उन्होंने बताया कि दिसंबर, 2022 में कुल 139.6 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है. पिछले साल के मुकाबले 23 फीसद ज्यादा बिक्री हुई है. बिक्री से आबकारी विभाग की बल्ले-बल्ले हो गई है. बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में शराब की तकरीबन 550 दुकाने हैं.
नोएडा के लोग 31 दिसंबर यानी नए साल पर 2,30,000 लीटर शराब पी गए. आबकारी विभाग के मुताबिक 31 दिसंबर को 9 करोड़ रुपए से ज्यादा की शराब बिकी. इसके साथ ही साथ आबकारी विभाग ने कई जगह कार्रवाई भी की है. कार्रवाई की बात करें तो आबकारी विभाग ने अवैध शराब बिक्री पर भी नकेल कसी है. जिसमें 82 जगहों पर कार्रवाई दिसंबर महीने में की गई है और 2512 लीटर शराब जब्त की गई है.
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शराब बिक्री के लिए बांटे गए थे ओकेजनल लाइसेंस
न्यू ईयर के लिए 82 अन्य जगहों पर भी 1 दिन से 3 दिन तक ऑकेजनल लाइसेंस लेकर जमकर पार्टी की गई है. जिसके चलते राजस्व में बढ़ोतरी हुई है और शराब की खपत बहुत ज्यादा हुई है. आबकारी विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक इन 82 लोगों ने 1 दिन से 3 दिन तक के ऑकेशनल लाइसेंस के लिए आबकारी विभाग में अप्लाई किया था. सारे मानकों को देखते हुए 1 दिन की 11 हजार की फीस लेकर आबकारी विभाग ने राजस्व वसूला. 1 दिन से 3 दिन तक के ऑकेजनल लाइसेंस दिया था. 10 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व ऑकेशनल लाइसेंस लेने से आबकारी विभाग को प्राप्त हुआ है.
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