राजस्थान के सीकर जिले में रविवार को यूपी पुलिस ने एक बड़ें गैंग का भांडाफोड़ किया है. यूपी पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन सभी पर मादक पदार्थ की तस्करी करने, अवैध पासपोर्ट तैयार करने और धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल होने समेत लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने जैसे कई आरोप हैं.
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक ऐसी रणनीति है जहां साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए अपने शिकार को उसी के घर में बंधक बना देते हैं. ये अपराधी अक्सर ऑडियो या वीडियो कॉल कर लोगों के सामने कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में पेश आते हैं और उनके मन में डर पैदा करते हैं. इस काम को अंजाम देने के लिए वो AI जनरेटेड आवाज या वीडियो की मदद लेते हैं. दुनियाभर में साइबर अपराध की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं.
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पुलिस ने दी जानकारी
बता दें कि गिरफ्तार किए गए आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं. आरोपियों की पहचान किशन, लाखन, महेंद्र, संजय शर्मा, प्रवीण जगिंड और शंभू दयाल के रूप में हुई है. असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर विवेक रंजन राय ने बताया कि साइबर अपराधियों को राजस्थान के सीकर जिले के लोसल इलाके से पकड़ा गया.
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