Lucknow Railway: बहुत महंगा है चूहा पकड़ना, एक चूहे को दबोचने में रेलवे ने खर्च किए 41,000 रुपये

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 16, 2023, 10:26 PM IST

Rats Lucknow Railway

Indian Railway News: भारतीय रेल किराए में लगातार इजाफा कर रहा है क्योंकि फंड्स की कमी की बात कही जाती है. दूसरी ओर कई मोर्चे पर हो रही फिजूलखर्ची आपको परेशान कर देगी. उत्तर रेलवे ने पिछले 3 साल में एक चूहे को पकड़ने में 41,000 रुपये खर्च कर दिए. 

डीएनए हिंदी: रेलवे स्टेशन और प्लैटफॉर्म पर चूहों की वजह से आपको भी कभी न कभी तो परेशानी जरूर हुई होगी. कुछ समय पहले इसी असुविधा को देखते हुए उत्तर रेलवे ने स्टेशन और प्लैटफार्म पर घूमने वाले चूहों को पकड़ने के लिए टेंडर जारी किया था. हालांकि, एक चूके को पकड़ने में रेलवे ने 41,000 रुपये तक बहा दिए. अब यह रकम देखकर आपको झटका जरूर लग सकता है. उत्तर रेलवे में कुल 5 मंडल आते हैं और एक चूहे को पकड़ने में सबसे ज्यादा पैसे लखनऊ मंडल ने खर्च किया है. स्टेशन पर घूमने वाले चूहे को पकड़ने के लिए कुल 69 लाख रुपए खर्च कर दिए गए. हालांकि, इसके बाद भी प्लैटफॉर्म से लेकर वेटिंग रूम तक आपको चूहे अब भी दिख ही जाते हैं. 

उत्तर मंडल रेलवे ने 69 लाख रुपये खर्च करके 168 चूहे पकड़े तो इस हिसाब से एक चूहे को पकड़ने का खर्च 41,000 रुपये का है. इन आंकड़ों का खुलास खुद रेलवे ने किया है. दरअसल एक आरटीआई के जवाब में यह डिटेल सौंपी गई है. इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रेलवे ने इतनी बड़ी रकम चूहे पकड़ने में लगा दी उसके बाद भी प्रभावी नतीजे क्यों नहीं मिले? इतना ही नहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद दबे लहजों में भ्रष्टाचार की बात भी कही जा रही है. 

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उत्तर रेलवे मंडल में आते हैं 5 जोन 
आरटीई की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ मंडल ने पिछले तीन सालों में इतनी बड़ी रकम खर्च करी फिर चूहों के आतंक को खत्म नहीं कर पाया है. लखनऊ मंडल ने चूहों को पकड़ने पर 23.2 लाख रुपए खर्च किए. आरटीआई से मिली जानकारी सामने आने के बाद विभाग के अंदर हड़कंप मच गया है. दबे लहजों में भ्रष्टाचार और लापरवाही की बात की जा रही है. उत्तर रेलवे में 5 मंडल दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, फिरोजपुर और मुरादाबाद है.

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2020 में दिया गया था चूहे पकड़ने के लिए टेंडर 
चूहों को पकड़ने के लिए टेंडर देने की शुरुआत 2020 में हुई थी. इसका ठेका सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को मिला था. उम्मीद की जा रही थी कि इससे प्लैटफॉर्म पर लोगों को चूहों से राहत मिलेगी और साफ-सफाई का स्तर भी बढ़ेगा. हालांकि, नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे और पहले साल में सिर्फ 83 चूहे ही पकड़े गए. इसके बाद चूहों को पकड़ने की औसत गति लगातार घटती गई. 2021 में मात्र 45 चूहे पकड़े जबकि 2022 में 40 चूहे पकड़े गए. ऐसे में रिपोर्ट सामने आने के बाद लोग इसे लापरवाही से लेकर भ्रष्टाचार तक बता रहे हैं.

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