Swiggy CEO Hustle Culture: स्विगी फूड के सीईओ (Swiggy CEO) रोहित कपूर ने हसल कल्चर की आलोचना की. उन्होंने इस हसल कल्चर का कर्मचारियों के स्वास्थ्य और नीजी जीवन पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में बात की. बेंगलुरू में एक इवेंट में खुले तौर पर ओवरवर्क की आलोचना करते हुए कर्मचारियों के वर्क-लाइफ बैलेंस पर बल दिया. रोहित का ये बयान अब बहस का मुद्दा बन गया है. कार्यस्थलों पर वर्क लाइफ बैलेंस की बात होने लगी है.
क्या है हसल कल्चर?
लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों की प्रशंसा करना, निजी जिंदगी, स्वास्थ्य और वेल-बींग को दांव पर लगाकर नौकरी में जूझना हसल कल्चर के लक्षण है. काम का ये तरीका कई इंडस्ट्रीज में सेलिब्रेट किया जाता है. उन्होंने अपनी एक ऑब्जर्वेशन शेयर करते हुए कहा कि वो जो 3 बजे रात को बैठे हैं न वो ये नहीं बताते कि वो 1 बजे दोपहर को ऑफिस आते हैं. स्विगी सीईओ का ये बयान लोगों को खूब लुभा रहा है. इस बयान से रोहित बताना चाहते हैं कि हसल कल्चर में ज्यादा घंटों तक नौकरी करने को रोमैंटिसाइड किया जाता है, जबकि कर्मचारी की प्रोडक्टिविटी और उसकी निजी जिंदगी पर ध्यान नहीं दिया जाता.
वर्क-लाइफ बैंलेस का किया सपोर्ट, देखें वीडियो
कपूर का मैसेज साफ है कि सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क करें लेकिन अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर नहीं. उन्होंने परिवार, दोस्त, प्रियजनों के साथ समय बिताने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा भी समय आता है जब कई घंटों काम करना पड़ता है, लेकिन ये आदत में तब्दील नहीं होना चाहिए.
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सोशल मीडिया पर कपूर बटोर रहे वाह-वाही
कपूर के वर्क लाइफ बैलेंस के बयान लोगों को खूब भा रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें लोग खूब सराह रहे हैं. एक यूजर ने इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के बयान की याद दिलाते हुए लिखा कि इस वीडियो को देखने के बाद नारायण मूर्ति को हार्ट अटैक आ जाएगा. एक अन्य यूजर ने लिखा कि इस मुद्दे पर और बात होनी चाहिए.
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