डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र में शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट में जारी सियासी तकरार लगातार थम नहीं रही है. विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद अब एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने विश्वास मत के खिलाफ वोट देने वाले उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के 14 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. शिवसेना के नए चीफ व्हिप (मुख्य सचेतक) भरत गोगावले ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट के बाद उद्धव गुट के इन विधायकों को नोटिस जारी किया है. इन विधायकों पर व्हिप की अवहेलना का आरोप लगा है.
15 विधायकों ने दिया था खिलाफ वोट
सोमवार को महाराष्ट्र विधान सभा में शिंदे गुट ने विश्वास मत को लेकर पार्टी विधायकों के लिए व्हिप जारी की थी. शिवसेना के 55 में से 16 विधायक ठाकरे गुट के साथ थे. हालांकि वोटिंग से ठीक पहले एक और विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गया. आदित्य ठाकरे समेत 15 विधायक उद्धव गुट में रहे और इन्होंने शिंदे गुट के खिलाफ वोटिंग की. बता दें कि उद्धव ठाकरे MLC हैं. शिवसेना के नए चीफ व्हिप भरत गोगावले की ओर से इन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि फ्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार को 164 वोट मिले. जबकि विपक्ष को 99 वोट मिल सके.
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आदित्य ठाकरे को नहीं भेजा नोटिस
जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है. उनमें आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं है. इसके पीछे शिंदे गुट की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. हालांकि पार्टी के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने इसके पीछे का कारण बताया है. उन्होंने कहा कि बाला साहब ठाकरे के प्रति सम्मान की वजह से उनके पोते आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) का नाम इस सूची में नहीं डाला गया है. गोगावले का साफ कहना है कि अगर नोटिस पाने वाले 14 विधायकों ने उचित जवाब पेश नहीं किया तो उन्हें विधायक पद से अयोग्य ठहराने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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विधायकों के लिए जारी किया गया था व्हिप
बता दें कि विश्वास मत से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष के लिए वोटिंग हुई थी. इसमें उद्धव ठाकरे गुट के विधायक सुनील प्रभु ने MVA के उम्मीदवार राजन साल्वी को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया था. सदन के पटल पर ठाकरे गुट के विधायकों ने नार्वेकर को वोट नहीं दिया था. ऐसे में शिंदे गुट द्वारा नियुक्त व्हिप भरत गोगावाले की शिकायत पर इन विधायकों को नोटिस जारी किया जा सकता है. यह पहले ही तय माना जा रहा कि अगर उद्धव गुट के विधायक सोमवार को बहुमत परीक्षण के लिए शिंदे के पक्ष में मतदान नहीं करते हैं तो नोटिस देने के बाद अयोग्यता की कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
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