डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पूर्व रॉ एजेंट अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने अब कट्टरपंथियों के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए इन्हें देश के विकास के लिए एक बाधा बताया है. उन्होंने कहा है कि कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो देश की प्रगति को बाधित कर रहा है. NSA के निशाने पर सीधे तौर पर PFI (Popular Front of India) रही. उन्होंने कहा कि निंदा पर्याप्त नहीं है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और अन्य कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ काम करने की जरूरत है.
दरअसल, अजीत डोभाल दिल्ली में आयोजित अंतर धार्मिक बैठक में शामिल हुए थे. इस बैठक में ही मुस्लिम नेताओं ने भी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. NSA अजीत डोभाल ने कहा, “कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के आधार पर समाज के भीतर और बाहर कलह का प्रभाव पैदा करना चाहते हैं. बहुमत खामोश है. हम मूक दर्शक नहीं बन सकते. हमें संगठित होकर आवाज उठानी होगी, गलतियों में सुधार करना होगा.”
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के फटे गद्दे पर लिटाया, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने दे दिया इस्तीफा
विकास में बाधा बन रहे कट्टरपंथी
अजीत डोभाल ने देश में संघर्ष को लेकर कहा, "वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं, यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी फैल रहा है." उन्होंने कहा, "हमें मूकदर्शक बने रहने के बजाय अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीनी स्तर पर काम करना होगा. हमें भारत के हर वर्ग को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं, हमें इस पर गर्व है और यहां हर धर्म को स्वतंत्रता के साथ स्वीकार किया जा सकता है.”
Bullet Train: लगातार बढ़ती जा रही अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत, जानिए क्या है वजह
डोभाल ने देश के विकास को लेकर कहा, "दुनिया में संघर्ष का माहौल पैदा हो रहा है. अगर हमें उस माहौल का मुकाबला करना है तो देश की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी है और सशक्त मुल्क की तरह आगे बढ़ें. पिछले कुछ सालों से देश जो तरक्की कर रहा है इसका जो लाभ होगा वो हर हिंदुस्तानी को होगा." उन्होंने कहा, "चंद लोग जो धर्म या विचारधारा के नाम पर लोगों में हिंसा या संघर्ष पैदा करने का प्रयत्न करते हैं उसका प्रभाव पूरे देश पर होता है. देश के अंदर भी होता है और देश के बाहर भी होता है."
बैन हों कट्टरपंथी समूह
अजीत डोभाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान हजरत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी कट्टरपंथी संगठनों पर पाबंदी लगाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, "कुछ भी घटना होने पर हम निंदा करते हैं. अब निंदा करने का नहीं बल्कि कुछ कर दिखाने का समय है. देश में जितने भी कट्टरपंथी संगठन पैर पसार चुके हैं उनको बैन किया जाए. चाहे कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, उनके खिलाफ सबूत होने पर उन्हें बैन कर देना चाहिए."
महाराष्ट्र पर दिए बयान से मचा बवाल तो बैकफुट पर आए भगत सिंह कोश्यारी! सफाई में कही यह बात
कई घटनाओं में भी है PFI का नाम
गौरतलब है कि नूपुऱ शर्मा विवाद (Nupur Sharma Controversy) के बाद लगातार हो रही हत्याओं के मामले में अलगाववादी संगठन पीएफआई (PFI) का नाम सामने आया है जिसके चलते लगातार पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है. वहीं खास बात यह है कि असम में हाल ही में पकड़े गए आतंकियों का संबंध भी PFI से पाया गया है. वहीं दिल्ली दंगों तक में पीएफआई का नाम सामने आया है. इन सब गतिविधियों के चलते ही लगातार इस संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.