VIP सिक्योरिटी से NSG कमांडोज की छुट्टी, अब ये सुरक्षा बल संभालेगा जिम्मेदारी, जानें क्या है इस फैसले का कारण

Written By राजा राम | Updated: Oct 16, 2024, 05:50 PM IST

VIP Security: गृह गृह मंत्रालय ने VIP सुरक्षा में अहम बदलाव करते हुए NSG की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की स्पेशल सेल को यह जिम्मा सौंपा है. अब राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े नेताओं की सुरक्षा ब्लैक कैट कमांडो नहीं करेंगे.

Vip Security: केंद्र सरकार ने आतंकवाद-रोधी बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडोज को VIP सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह से हटाने का निर्णय लिया है. अब NSG के स्थान पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की स्पेशल सेल वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी. मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया अगले महीने तक पूरी कर ली जाएगी. बताते चलें कि NSG के ब्लैक कैट कमांडोज की सुरक्षा पाने वालों की लिस्ट में राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ समेत देश के कई बड़े नेता शामिल हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में एक महीने का समय लग सकता है. पहले, सीआरपीएफ की छह बटालियन वीआईपी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.आपको ज्ञात हो कि कुछ महीने पहले संसद भवन में हुई सुरक्षा चूक के कारण संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ से लेकर सीआईएसएफ को सौंप दिया गया था. अब गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की उसी यूनिट को सातवीं बटालियन के रूप में शामिल कर लिया है.

इन VIPs को NSG की सुरक्षा से किया जाएगा मुक्त

NSG कमांडो जिन नौ वीआईपी लोगों की सुरक्षा करते हैं, उनमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बसपा प्रमुख मायावती, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं. अब इन सभी VIPs की सुरक्षा CRPF को सौंपी जाएगी.

ASL प्रोटोकॉल को भी CRPF करेगी टेकओवर

राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास NSG की विशेष एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन (ASL) प्रोटोकॉल है. अब इस सुविधा को भी CRPF टेकओवर करेगी. बता दें  ASL का काम VIP के पहुंचने से पहले स्थल की सुरक्षा जांच और सभी प्रकार की सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना है. अब यह जिम्मेदारी CRPF निभाएगी, जो पहले गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन सदस्यों की सुरक्षा भी ASL के तहत करती रही है.


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2012 से हो रही थी तैयारियां

दरअसल, इस फैसले की तैयारी कई वर्षों से की जा रही थी. देश में आतंकी हमलों के बढ़ते खतरे के चलते VIP सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच तालमेल बैठाने की आवश्यकता महसूस की गई.  सरकार का मानना है कि NSG को अब पूरी तरह से आतंकरोधी मिशन में ही तैनात किया जाएगा, जबकि CRPF की विशेष सुरक्षा इकाइयों को VIP सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाएगा.

(इनपुट पीटीआई)

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