नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान आया है. उन्होंने कहा कि NTA 2 दिन के अंदर NEET-UG का फाइनल रिजल्ट जारी करेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही कह रही थी कि यह परीक्षा में बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर मुहर लगा दी है. यह सत्य की जीत है. इसलिए मैं कहता हूं ‘सत्यमेव जयते’.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में किसी भी तरह के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. परीक्षा की पवित्रता हमारे लिए सर्वोच्च है. अगर कोई भी परीक्षा में गड़बड़ी करता पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हम पहले रह रहे थे कि नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ. लेकिन विपक्ष इसे बेवजह मुद्दा बना रहा है. नागरिकों में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है. ये उसकी रणनीति का हिस्सा है.
नहीं होगी दोबारा परीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम फैसला सुनाया. बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा.
सर्वोच्च न्यायालय के इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो 5 मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़कों से लेकर संसद तक कड़ी आलोचना का विरोध झेल रही थी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब 4 दिनों तक सुनीं.
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'20 लाख से अधिक छात्रों करियर होगा प्रभावित'
पीठ फैसला सुरक्षित रखने के बजाय शाम करीब 4:50 बजे फिर बैठी और आदेश सुनाना शुरू किया. कोर्ट ने कहा, 'इस तरह के मामले में अदालत के अंतिम निष्कर्ष वर्तमान चरण में दर्ज किए जाने चाहिए क्योंकि इस विवाद को निश्चितता और अंतिम रूप प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है, जो 20 लाख से अधिक छात्रों के करियर को प्रभावित करता है.
एनटीए और अन्य द्वारा पेश सामग्री की स्वतंत्र जांच का हवाला देते हुए CJI ने कहा, 'मौजूदा सबूतों में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई या इसमें प्रणालीगत उल्लंघन है. पीठ ने कहा कि फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश देने से पिछली परीक्षा में शामिल हुए 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए गंभीर परिणाम होंगे. उसने कहा कि इससे चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर प्रभाव पड़ेगा और वंचित समूहों को गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया है. (PTI इनपुट के साथ)
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