नूंह में फिर से निकलेगी बृज मंडल यात्रा, जानिए पलवल की महापंचायत में क्या तय हुआ

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 14, 2023, 07:00 AM IST

Palwal Mahapanchayat

Palwal Mahapanchayat: रविवार को पलवल के डिंडोरी गांव में हुई महापंचायत में हिंदू संगठनों ने अपनी कई मांगें रखी हैं और शोभा यात्रा को फिर से निकालने का ऐलान किया है.

डीएनए हिंदी: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के लगभग दो हफ्ते बाद पलवल में हिंदू संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया. रोक के बावजूद कई आक्रामक भाषण दिए गए. अब इन संगठनों ने तय किया है कि जो ब्रज मंडल यात्रा अधूरी रह गई थी उसे पूरा किया जाएगा. पंचायत के बाद ऐलान किया गया है कि यह शोभा यात्रा अब 28 अगस्त को फिर से निकाली जाएगी. इसके अलावा, यह भी मांग की गई है कि हिंसा का शिकार हुए लोगों को मुआवजा दिया जाए और इस पूरे मामले की जांच NIA से कराई जाए. इस महापंचायत के लिए पुलिस की ओर से अधिकतम 500 लोगों की अनुमति दी गई थी लेकिन पंचायत में हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए.

पलवल के पंडोरी गांव में आयोजित इस महापंचायत में गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य इलाकों के लोग भी शामिल हुई. 5 घंटे तक चली इस महापंचायत में पुलिस के सामने ही हेट स्पीच भी दी गई और अनुमति से ज्यादा लोग भी इसमें शामिल हुए. पहले यह महापंचायत नूंह के किरा गांव में बुलाई जानी थी लेकिन पुलिस ने वहां पंचायत की इजाजत नहीं दी थी. बाद में आयोजकों ने बीच का रास्ता तलाशा और महापंचायत का आयोजन नूंह और पलवल के बीच में पंडोरी गांव में किया.

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महापंचायत में क्या तय हुआ?
इस महापंचायत में मांग उठी कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए. इसके अलावा, घायलों को 50-50 लाख रुपये की सहायता और आगजनी और हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. महापंचायत में मांग की गई कि दूसरे देशों से आए रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कानून बनाकर इन्हें जिले से बाहर किया जाए.

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इन संगठनों ने आत्मसुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस लेने की सुविधा और कानून में रियायत की भी मांग की. RAF या HAP का एक हेडक्वॉर्टर मेवात में बनाया जाए, हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करके सजा दी जाए. हिंसा से जुड़े मामलों को मेवात से हटाकर गुरुग्राम या किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर किया जाए और नूंह जिले की मान्यता खत्म की जाए.

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