Nuh Violence: नूह हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, भड़काऊ भाषण किसी का भी स्वीकार नहीं किया जा सकता 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2023, 08:22 PM IST

Supreme Court On Nuh Violence 

Supreme Court On Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट ने नूंह हिंसा मामले पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि भड़काऊ भाषण किसी भी पक्ष की ओर से दिए जा रहे हों उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. 

डीएनए हिंदी: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की यात्रा पर भीड़ के पथराव किए जाने के बाद हिंसा शुरू हुई थी. इस हमले के बाद हिंसा नूंह से बढ़कर गुरुग्राम, पलवल जैसे मेवात के जिलों में पहुंच गई. हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि जान-माल का भारी नुकसान हुआ था. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि भड़काऊ भाषण किसी भी पक्ष की ओर से दिए गए हों, हमें यह पूरी तरह से अस्वीकार है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने की है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई  25 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि भड़काऊ भाषण किसी भी पक्ष की ओर से दिए गए हों, हम उसे गंभीरता से लेंगे. 

वकील की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी 
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने केरल में मुस्लिम लीग की रैली में हिंदुओं (Hindu) के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की जानकारी दी थी. इस पर टिप्पणी करते हुए बेंच ने कहा कि किसी भी पक्ष की ओर से भड़काऊ भाषण दिया गया हो, हम उस पर कार्रवाई करेंगे. हेट स्पीच किसी स्तर पर स्वीकार नहीं है. बता दें कि नूंह हिंसा को भड़काने में सोशल मी़डिया पोस्ट और वीडियो की बड़ी भूमिका रही है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन प्लैटफॉर्म पर अफवाह और भड़काऊ कंटेंट डाले गए थे. 

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कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी ने भी हेट स्पीच दिया हो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ वक्त में कोर्ट ने कई और मामलों पर भी हेट स्पीच और सोशल मीडिया पर नफरत भरे पोस्ट डालने पर सख्ती दिखाई है. नूंह हिंसा फैलने में भी हेट स्पीच और सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो एक बड़ा कारण रहे हैं. बता दें कि मोनू मानेसर के शोभा यात्रा में शामिल होने की अफवाह के बाद नूंह में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई थी.

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वीएचपी की शोभा यात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा 
बता दें कि शोभा यात्रा निकाले जाने से पहले मोनू मानेसर के इसमें शामिल होने की अफवाह फैली थी. इसके बाद 31 जुलाई को वीएचपी की शोभा यात्रा पर जमकर पथराव किया गया. बाद में यह हिंसा पूरे मेवात क्षेत्र में फैल गई. इस हिंसा मे होमगार्ड के 2 जवान और एक मौलवी समेत कुल 6 लोगों की मौत हुई थी. पुलिस जांच में कहा गया है कि हिंसा के लिए पहले से भी तैयारी की गई थी और दूसरे जिलों से कुछ लोग आए थे. उपद्रवियों पर खट्टर सरकार ने बुलडोजर एक्शन भी लिया है.

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