डीएनए हिंदी: पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी से जुड़े विवाद (Prohpeht Mohammad Controversy) में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि 26 मई को टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा के बयान से जुड़ी किसी भी FIR में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इस मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होनी है. आपको बता दें कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपील की थी कि उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज कराई गई एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि उनकी जान को खतरा है. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमारी चिंता है कि याचिकाकर्ता वैकल्पिक कानूनी रास्ता कैसे अपनाएंगी. हम इस पर विचार के लिए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर रहे हैं. 10 अगस्त को सुनवाई होगी, फिलहाल किसी भी राज्य की पुलिस गिरफ्तारी न करे. 26 मई के टीवी कार्यक्रम से संबंधित किसी नई FIR में भी गिरफ्तारी न हो.'
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नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर क्यों लगी रोक?
आपको बता दें कि नूपुर शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज सभी 9 एफआईआर को क्लब करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. नूपुर शर्मा के वकील ने कोर्ट में बताया कि उनकी जान को खतरा है. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने सलमान चिश्ती के धमकी वाले बयान और अन्य धमकियों वाले बयान को संज्ञान में लिया. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
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क्या है पैगंबर मोहम्मद विवाद?
26 मई को एक समाचार चैनल पर बहस के दौरान नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में एक टिप्पणी की थी. इसी टिप्पणी पर देशभर में हंगामा मच गया और नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग होने लगी. मामला इतना बिगड़ा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आलोचना होने लगी. ऐसे हालात देखकर बीजेपी ने नूपुर शर्मा और पार्टी प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
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