डीएनए हिंदी: एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास पर गोलियों से हमला हुआ जिसमें उन्होंने जान गंवा दी. इस मौके पर राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है. स्वास्थ्य मंत्री पर झारसुगुड़ा जिले के बृजराजनगर के पास ताबड़तोड़ 5 राउंड फायर किए गए हैं. इस घटना में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि नब दास पर गोलियां एक पुलिस वाले ने चलाई है जो कि एक ASI लेवल का अधिकारी निकला.
जानकारी के मुताबिक नब दास की सुरक्षा में गांधी चौक पुलिस चौकी पर गोपाल दास नाम के एएसआई को लगाया गया था. उसने अपनी रिवॉल्वर से ही नब दास पर 5 राउंड फायरिंग की थी. जानकारी के मुताबिक हमले को पूरी प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री को काफी पास से गोली मारी गईं. इस हमले ने स्वास्थ्य मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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बता दें कि नब दास पर फायरिंग उस समय हुई जब वह कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. मंत्री के गाड़ी से उतरने के बाद तुरंत बाद ही ASI गोपाल दास ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद उनका परिवार भी हॉस्पिटल पहुंचा. भुवनेश्वर लाए गए नब दास को देखने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी पहुंचे थे.
चश्मदीदों ने बताया कि नब दास एक जनशिकायत कार्यालय के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. उनके स्वागत के लिए मौके पर भारी तादाद में भीड़ जुटी थी. इस बीच लोगों ने देखा कि एक पुलिसकर्मी उन पर नजदीक से फायरिंग कर भाग रहा है. पहले लोगों को लगा था कि वह पुलिसकर्मी हमलावर को पकड़ने के लिए भाग रहा था लेकिन बाद में पता चला कि वहीं असल हमलावर है.
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बता दें कि बीजेडी के सीनियर नेता नब दास हाल ही में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने महाराष्ट्र के एक मंदिर में एक करोड़ रुपये से अधिक का सोने का कलश दान किया था. नब दास ने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर को 1.7 किलोग्राम सोने और 5 किलोग्राम चांदी से बने कलश दान किए थे, जो देश के प्रसिद्ध शनि मंदिरों में से एक है. बता दें कि नब दास राज्य के सबसे धनाढ्य नेताओं में से एक हैं.
इस मामले में एक अहम बात यह सामने आई है कि गोली चलाने वाला एएसआई गोपाल दास मानसिक रूप से बीमार था. वह पिछले 8 साल से बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज करा रहा था. इसके बावजूद भी उसे एक सर्विस रिवाल्वर जारी की गई थी और ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया था. अब इस मामले को लेकर बेहद गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
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इस घटना को लेकर एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बेरहामपुर में साइकेट्रिक डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने बताया कि दास को बाइपोलर डिसऑर्डर था. वह पहली बार करीब आठ से दस साल पहले उनके क्लीनिक पर आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था. इसी को लेकर उसका इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने कहा उन्हें पता नहीं है कि वह नियमित रूप से दवाएं ले रहा था या नहीं. गोपाल दास डॉक्टर से आखिरी बार एक साल पहले मिला था.
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