डीएनए हिंदी: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम को भीषण ट्रेन हादसा हुआ है जिसमें अब तक 237 लोगों की जान जाने की खबर है. बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गईं और भयानक हादसा हो गया. भारत में इससे पहले भी कई भयानक हादसे हुए हैं जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. ऐसा ही एक हादसा 1981 में बिहार के सहरसा के पास बदला-धमारा घाट के बीच बागमती नदी पर हुआ था. उस हादसे में ट्रेन की 9 बोगियां यात्रियों सहित पानी में समा गई थीं.
बागमती नदी में समा गए थे ट्रेन के 9 डिब्बे
6 जून 1981 को इस देश का सबसे भयानक रेल हादसा बिहार के मानसी-सहरसा रेल लाइन पर हुआ था. बदला और धमारा घाट स्टेशन के बीच में बागमती नदी में ट्रेन के न 9 डिब्बे गिर गए थे जिसमें करीब 800 लोगों की जान गई थी. इतने साल बीतने के बाद भी उस इलाके के लोग इस हादसे को याद कर सिहर जाते हैं. यह हादसा शाम के करीब 3 बजे हुआ था जब बदला घाट से ट्रेन खुली और अगला स्टेशन धमारा घाट था लेकिन गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही बागमती नदी की पुल पर भयानक हादसा हुआ.
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आज तक नहीं पता चली हादसे की वजह
इस ट्रेन हादसे को भारत का सबसे भयानक और विश्व का दूसरे नंबर का सबसे भयानक रेल हादसा कहा जाता है. आज तक हादसे के पीछे की थ्योरी पता नहीं चल सकी है. कहा जाता है कि हादसे के समय भारी बारिश हो रही थी और पूरी ट्रेन की खिड़कियां बंद थीं जिसकी वजह से ब्रेक लगाने पर ट्रेन का दबाव बहुत बढ़ गया और पूरी ट्रेन पटरी से उतरकर नदी में समा गई. एक थ्योरी यह भी है कि पटरी पर भैंसों का पूरा झुंड आ गया था जिसकी वजह से ड्राइवर ने ब्रेक मारी थी और ट्रेन नदी में गिर गई. वजह चाहे जो भी उस क्षेत्र के लोगों के जेहन में आज भी इस हादसे की स्मृति और डर बना हुआ है.
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