डीएनए हिंदी: ओडिशा में हादसे का शिकार हुईं तीन रेलगाड़ियों से लोगों को निकालने और बचाने का अभियान जारी है. अभी तक की सूचना के मुताबिक, हादसे में 233 लोगों की जान गई है और 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन के डिब्बों को कटर से काटकर लोगों को निकाला जा रहा है. घटनास्थल का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी पहुंचे.
घटनास्थल पर पहुंचे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहली प्राथमिकता हादसे का शिकार हुए लोगों को बचाने की है. इसी के चलते एनडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीम लोगों को बचाने में लगी हुई हैं. लोगों को बचाने के बाद ही ट्रैक को क्लियर करके रास्ता साफ करने की ओर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हाई लेवल कमेटी से इस हादसे की जांच करवाई जाएगी.
ओडिशा में घटनास्थल पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.
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ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने बताया है कि हादसे वाली जगह पर एनडीआरएफ की 7, ओडिशा डिजास्टर रैपिड ऐक्शन फोर्स की पांच, फायर ब्रिगेड की 24 टीमों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और अन्य वॉलंटियर लगातार काम कर रहे हैं.
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मरने वालों की संख्या हुई 238
दक्षिण पूर्व रेलवे के आधिकारिक बयान के मुताबिक, अभी तक कुल 238 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 650 यात्री अभी तक निकाले जा चुके हैं. घायल हुए इन यात्रियों को गोपालपुर, खंटापाड़ा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ-साथ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम भी लगाई गई है ताकि आपात स्थिति में तुरंत इलाज दिया जा सके.
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राजकीय शोक का ऐलान
इस भीषण हादसे के बाद सीएम नवीन पटनायक ने ओडिशा में सभी उद्घाटनों और सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है. साथ ही, ओडिशा में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान कर दिया है. तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने भी अपने पिता एम करुणानिधि की के जन्म दिवस समारोह को रद्द करते हुए राज्य में एक दिन के शोक का ऐलान कर दिया है.
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