NDA में लौटे ओम प्रकाश राजभर, समाजवादी पार्टी से SBSP का गठबंधन टूटा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 16, 2023, 10:11 AM IST

Om Prakash Rajbhar with Amit Shah

Om Prakash Rajbhar Joins NDA: ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर से एनडीए में लौट आए हैं. 2022 में उनकी पार्टी का गठबंधन समाजवादी पार्टी से था.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर फिर से एनडीए में शामिल हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ओम प्रकाश राजभर के साथ तस्वीर शेयर करके जानकारी दी है. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के बजाय एनडीए के गठबंधन में रहेगी. 2022 के विधानसभा चुनाव में एसबीएसपी ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. चुनाव नतीजों के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव पर टिप्पणी कर रहे थे और हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे.

इस मुलाकात के बाद अमित शाह ने ट्वीट करके लिखा है, 'ओम प्रकाश राजभर जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया. मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं. राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों और वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा.' बता दें कि 2017 में बनी योगी आदित्यनाथ सरकार में ओम प्रकाश राजभर मंत्री बने थे लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और सपा के गठबंधन में शामिल हो गए थे.

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2022 में सपा गठबंधन में थे राजभर
उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल थी. उसे कुल 6 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. हालांकि, समाजवादी पार्टी का गठबंधन बहुमत से दूर रह गया था. चुनाव नतीजों के बाद से ही राजभर इस बात की शिकायत कर रहे थे कि चुनाव हार की वजहों की समीक्षा नहीं की जा रही है. उन्होंने कई सार्वजनिक मंचों से अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा. आखिर में आते-आते वह एक बार फिर से एनडीए में ही शामिल हो गए. कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में उन्हें कम से कम दो सीटें मिल सकती हैं.

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बता दें कि यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों को अहमियत दे रही है. निषाद पार्टी और अपना दल (एस) पहले से उसके साथ हैं. अब एसबीएसपी के आ जाने से पूर्वांचल में एनडीए को और मजबूती मिलेगी. वहीं, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी अब पूर्वांचल में अकेली पड़ती दिख रही है. न सिर्फ सपा के गठबंधन सहयोगी छिटक रहे हैं बल्कि उसके खुद के विधायक दारा सिंह चौहान ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में हैं.

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