जम्मू-कश्मीर में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. नेता एक-दूसरे पर तीखे वार कर रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बारामूला से सांसद और आवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर राशिद से पूछा कि अगर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बीजेपी को जरूरत पड़ी तो क्या उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी. राशिद हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं.
उमर अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के देवासर क्षेत्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘कल एक सेमिनार में जब इंजीनियर राशिद से पूछा गया कि क्या चुनाव के बाद वह भाजपा का समर्थन करेंगे तो वह चुप हो गए. वह साफ-साफ क्यों नहीं कहते कि चुनाव के बाद वह भाजपा का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करेंगे.’
नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा, ‘इंजीनियर राशिद ने गुरुवार को शायद कहा था कि अगर मैं उनके साथ दिल्ली वापस चलने को तैयार हो जाऊं तो वह हमारे पक्ष में मैदान छोड़ देंगे. आज, मैं कहता हूं कि जिस दिन उन्हें तिहाड़ जेल वापस जाना होगा, मैं उन्हें साथ में वहां छोड़ने जाऊंगा. उन्हें मैदान छोड़ घर बैठ जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के लोगों से जुड़े हर मुद्दे की बात की है. अब्दुल्ला ने कहा कि हमने अनुच्छेद 370 के बारे में बात की है. हमने कश्मीर मुद्दे पर बात की है. हमने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के बारे में बात की है और हमने यहां के लोगों के रोजमर्रा के मुद्दों पर भी बात की है. हमने कौन सा मुद्दा छोड़ा है?’
'वोट के जरिए कोई बाहर नहीं आता'
लोकसभा चुनाव में रशीद से हारने वाले अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भाजपा की वजह से बहुत नुकसान हुआ है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि बारामूला के लोगों से कहा गया है कि वे अपने वोट के जरिए किसी को जेल से बाहर निकाल सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'वोट के जरिए कोई बाहर नहीं आता है, वे सिर्फ न्यायालय के माध्यम से बाहर आते हैं.'
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