जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों (Jammu and Kashmir Assembly Election 2024) की तारीखों की घोषणा हो गई है. इस ऐलान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव होने के बाद सबसे पहले राज्य और विशेष राज्य का दर्जा छीनने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा और लोगों से छीने गए अधिकारों को बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव के बाद संघर्ष किया जाएगा.
10 साल बाद घाटी में होंगे चुनाव
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से साल 2019 में राज्य और विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया गया था. तो वहीं, जम्मू-कश्मीर साल 2018 से राष्ट्रपति शासन के अधीन है. घाटी में पिछली बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे. अब 10 साल बाद J&K में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
फारूक अब्दुल्ला करेंगे चुनावों में पार्टी का नेतृत्व
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीते शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि इस बार विधानसभा चुनाव उमर अब्दुल्ला नहीं बल्कि फारूक खुद लड़ेंगे. उमर अब्दुल्ला ने ऐसा फैसला इसलिए लिया था क्योंकि उनका कहना था कि जब तक राज्य का विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता तब तक वे चुनाव में भाग नहीं लेंगे. उनके पिता फारूक अब्दुल्ला आगामी चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
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तीन चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
बता दें कि बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा. 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद कांग्रेस, भाजपा, माकपा और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी समेत जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक दलों ने घोषणा की सराहना की थी.
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