झारखंड के Ex CM और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पूर्व नेता चंपई सोरेन भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने भाजपा में शामिल होने के बाद रांची में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने 'झारखंड आंदोलन' के दौरान संघर्ष देखा है... मैंने सोचा था कि मैं एक नई पार्टी बनाऊंगा या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा, लेकिन मैं उस संगठन में कभी नहीं रहूंगा जहां मुझे अपमानित महसूस होना पड़े. बाद में, मैंने झारखंड के लोगों की सेवा जारी रखने के लिए एक पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का फैसला किया."
गर्मजोशी से किया सोरेन का स्वागत
चंपई सोरेन के पार्टी में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंपई सोरेन ने झारखंड को बनाने में बहुत मेहनत की है. उन्होंने अपना जीवन जनता की सेवा में निकाल दिया. उन्होंने झारखंड की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा का दामन पकड़ा है. हम उनका स्वागत करते हैं. टाइगर अभी जिंदा है. वे झारखंड के टाइगर हैं और हम मिलकर झारखंड में सरकार बनाएंगे. चंपई सोरेन कोल्हन टाइगर नाम से प्रसिद्ध हैं.
JMM के पूर्व नेता चंपई सोरेन ने रांची में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली. सोरेन सीएम पद से हटाए जाने के बाद से नाराज हैं और उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है.
'मुझे बहुत अपमानित महसूस हुआ'
रांची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि "मुझे बहुत अपमानित महसूस हुआ और इसीलिए मैंने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया था. हालांकि, झारखंड के लोगों के प्यार और समर्थन के कारण, मैंने राजनीति से संन्यास नहीं लेने का फैसला किया. मैंने 'झारखंड आंदोलन' के दौरान संघर्ष देखा है... मैंने सोचा था कि मैं एक नई पार्टी बनाऊंगा या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा, लेकिन मैं उस संगठन में कभी नहीं रहूंगा जहां मुझे अपमानित होना पड़े. बाद में, मैंने झारखंड के लोगों की सेवा जारी रखने के लिए एक पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का फैसला किया."
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चंपई को क्यों साध रही बीजेपी?
भारतीय जनता पार्टी झारखंड अनुसूचित जनजाति समाज को साधना चाहती है. चंपई सोरेन की इस समाज में अच्छी पकड़ है. आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा यह प्रयास कर रही है. अनुसूचित जनजाति JMM का मुख्य वोटर रहा है. तो वहीं, चंपई सोरेन JMM मुखिया शिबू सोरेन के करीबी रहे हैं. दूसरी तरफ, JMM ने साल 2019 के विधानसभा चुनावों में 14 विधानसभा क्षेत्रों में से 11 पर अपनी जीत दर्ज की थी. ये जेएमएम का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. यही वजह है कि झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए भाजपा सोरेन को अपनी तरफ खींच रही है.
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