डीएनए हिंदी: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने के लिए रिपोर्ट पर काम कर रहे विधि आयोग ने एक साथ चुनाव कराने के लिए कुछ दिन पहले बैठक की थी. लोकसभा चुनावों के साथ ही राज्यों के चुनाव की तैयारियों के लिए जरूरी समय और ईवीएम की जरूरत के बारे में चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी थी. चुनाव आयोग ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सिर्फ तैयारियों में ही कम से कम एक से डेढ़ साल तक का वक्त लग सकता है. इसके अलावा, अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं तो कम से कम 30 लाख इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीनों (EVM) की जरूरत होगी. इसके अलावा ईवीएम खराब होने की स्थिति में रिजर्व वोटिंग मशीनों और वीवीपैट की भी जरूरत होगी.
चुनाव आयोग ने विधि आयोग को बताया कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए 30 लाख ईवीएम, 43 लाख मतपत्र और लगभग 32 लाख वीवीपैट की जरूरत होगी. एक ईवीएम मशीन में एक बैलेट यूनिट, एक वीवीपैट की आवश्यकता होती है. बता दें कि विधि आयोग ने कुछ वक्त पहले ही लोकसभा और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए चुनाव आयोग के साथ बैठक की थी. इस बैठक में एक साथ चुनाव कराने से जुड़ी आवश्यकताओं और चुनौतियों पर चर्चा की गई थी.
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अभी एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं
सूत्रों का कहना है कि इलेक्शन कमिशन ने विधि आयोग को दी जानकारी में कहा है कि अभी एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है. सूत्रों का कहना है कि अगर अभी एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं तो चुनाव आयोग के पास करीब 35 लाख वोटिंग यूनिट्स (ईवीएम, मतपत्र और वीवीपैट) की कमी होगी. इसके अलावा इन वोटिंग मशीनों को संग्रहित करने के लिए पर्याप्त भंडारण संसाधनों की जरूरत होगी. साथ ही, तैयारियों में एक से डेढ़ साल तक का वक्त लग सकता है.
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