One Nation One Election: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 'वन नेशन वन इलेक्शन' प्रस्ताव कैबिनेट से पास 

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Sep 18, 2024, 03:12 PM IST

वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव मोदी कैबिनेट ने किया मंजूर

One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला आ गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है.

वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में भी पीएम मोदी ने कई बार इसका जिक्र किया था. कांग्रेस समेत कई और विपक्षी दल इसके विरोध में हैं. मोदी कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. हालांकि, अभी कानून का रूप लेने से पहले इस प्रस्ताव को कई और चरणों से गुजरना होगा. वन नेशन वन इलेक्शन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही सौंपी थी. अब केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है. 

बीजेपी के अहम एजेंडे में शामिल है वन नेशन वन इलेक्शन 
एक दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हम इस कार्यकाल में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू कराएंगे. बीजेपी के अहम एजेंडे में वन नेशन वन इलेक्शन और यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दे हैं. इसके पक्ष में तर्क दिया जाता है कि भारत जैसे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो संसाधनों की काफी बचत की जा सकती है. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग कराने पर भारी खर्च होता है. सुरक्षा बलों से लेकर आयोग और दूसरे विभागों का भी काफी समय चुनाव की तैयारियों, वोटों की गिनती वगैरह  में बीतता है. 


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हालांकि, एक देश एक चुनाव के विपक्ष में भी कुछ ठोस तर्क दिए जाते हैं. इसमें सबसे प्रमुख तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने का फायदा सत्ताधारी दल को मिल सकता है. साथ ही, एक साथ चुनाव हों, तो स्थानीय मुद्दे प्रभावी नहीं रहते हैं. मजबूत लोकतंत्र के लिए स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता और सत्ता के विकेंद्रीकरण पर ध्यान देना भी जरूरी है.   

रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट में क्या खास बातें हैं
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि एक साथ चुनाव कराया जाना देश के हित में है. इससे संसाधनों की काफी बचत होगी. कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि एक साथ लोकसभा और राज्यों के चुनाव कराए जा सकते हैं. इसके 100 दिन के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने चाहिए. कमेटी ने इस सिफारिश के क्रियान्वयन के लिए सभी पक्षों से चर्चा की जाने की सिफारिश भी की है. 


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