One Nation One Election: एक देश एक चुनाव पर एक और कदम, रामनाथ कोविंद बने समिति के अध्यक्ष

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 01, 2023, 03:20 PM IST

One Nation One Election

One Nation One Election Committee: केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है जो एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावनाएं तलाशने का काम करेगी.

डीएनए हिंदी: देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की ओर कदम बढ़ा दिए गए हैं. संसद के विशेष सत्र में इस संबंध में बिल लाने की चर्चाओं के बीच केंद्र सरकार ने एक समिति बनाई है. देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. यह समिति एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावनाओं को तलाशने का काम करेगी. हालांकि, सरकार की ओर से इस समिति का अजेंडा बताया नहीं गया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक, यह समिति एक राष्ट्र एक चुनाव पर ही काम करेगी.

सरकार की ओर से 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है. हालांकि, सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर कई साल से दृढ़ता से जोर दे रहे हैं और इस संबंध में संभावनाओं पर विचार का जिम्मा रामनाथ कोविंद को सौंपने का निर्णय, चुनाव संबंधी अपने दृष्टिकोण के विषय में सरकार की गंभीरता को रेखांकित करता है.

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कई राज्यों में होने हैं विधानसभा के चुनाव
बता दें कि इसी साल नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव हैं. सरकार के इस कदम से आम चुनाव एवं कुछ राज्यों के चुनाव को आगे बढ़ाने की संभावनाएं भी खुली हैं, जो लोकसभा चुनावों के बाद में या साथ होने हैं. उदाहरण के लिए, जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से चुनाव लंबित हैं और अब केंद्र सरकार ने कहा भी है कि वह चुनाव कराने के लिए तैयार है.

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सूत्रों के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के दौरान 'एक देश एक चुनाव' की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल भी संसद में पेश किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि आखिर देश में एकसाथ चुनाव कराने की इतनी जल्दी क्या है. गौरतलब है कि कई राज्य ऐसे भी हैं जिनमें विधानसभा चुनाव बीते एक-दो सालों में ही हुआ है.

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