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ऑनलाइन गेमिंग के एडिक्शन का नतीजा, लगातार कांपते हैं इस लड़के के हाथ, हिल गया है मेंटल बैंलेंस

Online Gaming Addiction: डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा अभी भी रात में केवल गेम का नाम लेकर चिल्लाता है. इस मामले में संस्था के काउंसलर की मदद कर रहे हैं.

ऑनलाइन गेमिंग के एडिक्शन का नतीजा, लगातार कांपते हैं इस लड़के के हाथ, हिल गया है मेंटल बैंलेंस

mobile addiction

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डीएनए हिंदी: राजस्थान के अलवर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक 14 साल के बच्चे की मानसिक हालत अधिक मोबाइल चलाने की वजह से बिगड़ गई. उसे गेम खेलने की इतनी बुरी लत लग गई थी कि उसे रोकने के लिए हाथ पैर तक बांधने पड़ते थे. आइए जानते हैं कि अब बच्चे का मानसिक संतुलन कैसा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला अलवर के मुंगास्का कॉलोनी का है. जहां 14 साल का रमेश मोबाइल पर घंटों फ्री फायर और पब्जी जैसे गेम खेलता था. बच्चे की मां आसपास के घरों में काम करती हैं और पिता रिक्शा चलाते हैं. कुछ महीने पहले ही बेटे की पढ़ाई के लिए फोन लिया था. बेटे को ऑनलाइन क्लास लेने में कोई दिक्कत न हो, इस वजह से बेटे के पास ही फोन रहता था.

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मोबाइल पर ज्यादा गेम खेलने से बिगड़ी मानसिक हालत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्चा पढ़ाई की जगह ऑनलाइन गेम खेलने लगा. एक-दो घंटे नहीं बल्कि वह 14 से 15 घंटे लगातार फोन में गेम खेलता था. इससे उसकी मानसिक हालत पर असर पड़ने लगा. लड़की की बहन ने इस बात को नोटिस किया तो परिवार वालों को जानकारी दी. जिसके बाद से लड़के को घर वालों की तरफ से डांट फटकार पड़ने लगी लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ. कई बार तो वह घर छोड़कर भी चला गया था.

घर में ही बांधकर रखा गया

जब लड़के की मानसिक हालत और ज्यादा बिगड़ने लगी तो घरवालों ने उसे बांध कर रख दिया ताकि उसकी तो छूट जाए लेकिन इससे भी कुछ नहीं हुआ. घरवालों के मुताबिक, लड़का चादर ओढ़ कर देर रात तक फोन में गेम खेलता था. जब वह सोता भी था तो केवल गेम का ही नाम लेता था. लड़के की स्थिति जब बदतर होती गई तो परिवार वालों ने उसे डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कुछ दिनों बाद उसको 'दिव्यांग आवाज गृह' में भेजा गया. जहां मनोचिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं. काफी इलाज के बाद अब लड़के की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है.

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रात में चलती हैं उंगलियां

इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि बच्चा फ्री फायर गेम और ऑनलाइन गेम खेलने की वजह से बीमार हुआ. उन्होंने बताया कि वह अभी भी रात में उंगलिया चलाने लगता है. सोते हुए भी फायर - फायर चिल्लाता रहता है. इस मामले में कई काउंसलर बच्चे की मदद कर रहे हैं. डॉक्टरों ने भरोसा जताया है कि जल्द ही बच्चा स्वस्थ हो जाएगा.

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