डीएनए हिंदी: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कवायद में सेंध लगती नजर आ रही है. पटना में 12 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक स्थगित कर दी गई है. बैठक कब होगी और क्यों टाली गई है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. बैठक की अगली तारीख की घोषणा भी नहीं की गई है. इस स्थगन का कारण कांग्रेस शामिल नहीं होना हो सकता है.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और द्रमुक मुन्नेत्र कषगम (DMK) के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी अपने-अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते 12 जून की बैठक में शरीक होने में कठिनाई महसूस कर रहे थे. कांग्रेस ने इस बैठक की तारीख बढ़ाने का आग्रह किया था. कांग्रेस का कहना था कि राहुल गांधी 10 जून तक विदेश से लौट आएंगे लेकिन बैठक में पार्टी की तरफ से कौन शामिल होगा यह तय नहीं हो पाया है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कुछ अन्य प्रमुख विपक्षी नेता इस बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे थे. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल के साथ परामर्श कर इस बैठक को बाद की तारीख पर करने का विचार है, ताकि वे भी इसमें भागीदारी कर सकें.
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नीतीश का विपक्षी एकजुटता का प्रयास
नीतीश कुमार की इस बैठक को विपक्षी एकजुटता के प्रयासों को तेज करने और इसके आगे की रूपरेखा के तौर पर देखा जा रहा है. नीतीश 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके मद्देनजर वो कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, एनसीपी और वाम दलों के अलावा क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों से मिल रहे हैं.
नीतीश ने हाल में राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की.
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