डीएनए हिंदी: अजित पवार की बगावत का असर विपक्षी एकता पर भी दिख रहा है. बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक अब टाल दी गई है. कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा है कि अगली मीटिंग कब होगी इसका ऐलान जल्द ही किया जाएगा. पटना में हुई विपक्षी पार्टियों की मीटिंग के बाद अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली थी. अजित पवार के बीजेपी के साथ चले जाने की वजह से समूचा विपक्ष सकते में है. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी आरोप लगाए हैं कि बीजेपी दबाव की राजनीति कर रही है.
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा है, 'हम अगली तारीख का ऐलान जल्द ही करेंगे. हम सभी पार्टियों से बात कर रहे हैं और बिना किसी देरी के अगली तारीख का ऐलान किया जाएगा. इतना तय है कि यह मीटिंग संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही होगी.' सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अनुरोध किया था कि वह इस बैठक को टाल दें. इसके पीछे की वजह यह बताई गई है कि बिहार विधानसभा के सत्र की वजह से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव इस बैठक में शामिल नहीं हो पाते.
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पटना में हुई थी विपक्ष की बैठक
इससे पहले पटना में विपक्षी पार्टियों की मीटिंग हुई थी जिसमें ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे. इस मीटिंग के बाद अगली मीटिंग शिमला में किए जाने पर चर्चा हो रही थी लेकिन बाद में इसकी जगह बेंगलुरु में तय की गई. अब यह भी चर्चा है कि अजित पवार की बगावत की वजह से इस मीटिंग की तारीख बदली जा रही है. दूसरी तरफ, शरद पवार अपना कुनबा बटोरने और उसे संभालने में जुट गए हैं.
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विपक्षी पार्टियों की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले-पहले एक आम सहमति बनाई जाए ताकि 300 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो. विपक्ष का मानना है कि इससे बीजेपी को अच्छी चुनौती दी जा सकेगी और विपक्षी पार्टियां भी ज्यादा सीटें जीत सकेंगी.
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