Madhabi Puri Buch News: सेबी (SEBI) प्रमुख माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ईटी की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) बुच के खिलाफ आरोपों की जांच करेगी. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस महीने के अंत में पीएसी बुच को तलब कर समन जारी कर सकती है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली पीएसी वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को भी जांच में शामिल होने के लिए कह सकती है.
पीएसी की बैठक में की गई मांग
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की 29 अगस्त को बैठक हुई, जिसमें कई सदस्यों ने सेबी के कामकाज और बुच के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग की. इसके बाद से ही इस पूरे मामले को पीएसी के एजेंडे में जोड़ दिया गया. साथ ही ईटी ने दावा किया कि एजेंडा आइटम में नियामक या प्रमुख का नाम शामिल नहीं है. इसे संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. हाल ही में कांग्रेस की ओर से सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर नया हमला किया गया.
कांग्रेस प्रवक्ता ने बुच पर लगाए आरोप
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने यह आरोप लगाया गया कि सेबी चीफ ICICI बैंक से रिटायरमेंट के बाद भी सैलरी ले रही थीं. इसके साथ ही डेटा एनालिटिक्स के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने एक न्यूज आर्टिकल का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस को यह जानकारी मिली कि माधबी पुरी बुच 2011 से 2013 के बीच ICICI बैंक में कार्यकाल के दौरान ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में भी कार्यरत थीं.
पवन खेड़ा ने किए सवाल
साथ ही पवन खेड़ा ने यह भी बताया कि माधबी बुच ने अपने रिटायरमेंट के बद भी ICICI बैंक से ईएसओपी (ESOP) का फायदा उठाया था. खेड़ा ने ICICI बैंक की तरफ से बुच ESOP पेमेंट किए गए TDS पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि क्या बैंक सभी पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों के लिए समान प्रोटोकॉल का पालन करती है? साथ ही ICICI बैंक ने TDS के पैसे को बुच की टैक्सेबल इनकम के रूप क्यों नहीं दर्शाया? खेड़ा ने यह भी पूछा कि यह Income Tax Act का उल्लंधन नहीं है.
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