Pakistan: तोशाखाना केस में इमरान खान को बड़ी राहत, कोर्ट ने पेशी के लिए मिली छूट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 07, 2023, 12:29 AM IST

इमरान खान (फाइल फोटो क्रेडिट- ImranKhanOfficial/Facebook)

कोर्ट ने 10 मई को तोशाखाना मामले में इमरान को दोषी ठहराया था, जिन्होंने मामले के सुनवाई योग्य न होने की दलीलों को खारिज कर दिया था.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की एक अदालत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत पेशी से एक दिन की छूट देते हुए उन्हें शुक्रवार को पेश होने का आदेश दिया. इमरान को इस्लामाबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से गुरुवार को पेश होना था. तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों एवं राष्ट्र प्रमुखों द्वारा पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है.

इमरान खान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग कर इन उपहारों को खरीदने और बेचने का आरोप है. इन उपहारों की कीमत 14 करोड़ रुपये (6,35,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक है. इमरान खान के वकील गोहर अली खान ने इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को लाहौर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होना है और उन्होंने अदालत से सुनवाई के लिए 10 जुलाई के बाद की कोई तारीख तय करने को कहा.

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इसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को छूट दी. ‘डॉन’ न्यूज के अनुसार, अदालत ने तोशाखाना मामले की सुनवाई के दौरान इमरान को शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि खान को लंबी अवधि के लिए छूट देने का अनुरोध किए जाने के बावजूद अदालत ने पूर्व पीएम को एक दिन की छूट दी और उनके वकील से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शुक्रवार को अदालत में मौजूद होंगे.

कोर्ट ने 10 मई को इमरान को ठहराया था दोषी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिलावर ने 10 मई को तोशाखाना मामले में इमरान को दोषी ठहराया था, जिन्होंने मामले के सुनवाई योग्य न होने की दलीलों को खारिज कर दिया था. इसके बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने स्थानीय अदालत के आदेश को रद्द करते हुए इस मामले को निचली अदालत के पास वापस भेज दिया था और उसे सात दिन में मामले की फिर से समीक्षा करने को कहा था. (इनपुट- भाषा)

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