संसद Live: लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पेश, कांग्रेस बोली 'संविधान को कमजोर कर रही मोदी सरकार'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 01, 2023, 04:01 PM IST

Monsoon Session Uproar Over Manipur Violence

Delhi Ordinance Bill: संसद के मानसून सत्र में आज दिल्ली अध्यादेश बिल को पेश किया जाना है, जिसके लोकसभा में आसानी से पास होने के आसार हैं.

डीएनए हिंदी: संसद का मानसून सत्र अभी तक हंगामे की भेंट ही चढ़ा है. अब केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और तमाम अन्य नियमों को तय करने वाले दिल्ली अध्यादेश बिल को पेश कर दिया है. ऐसे में चर्चा है कि लोकसभा और राज्यसभा में एक बार फिर से हंगामा हो सकता है. सबसे पहले इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया है, जहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रचंड बहुमत में है. दिल्ली की सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर से इस बिल का विरोध किया है. कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन में शामिल दल इसका विरोध कर रहे हैं.

दिल्ली सर्विस बिल पर विपक्ष का विरोध
लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल को लेकर विपक्ष विरोध कर रहा है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बिल संघीय सहकारितावाद की अवधारणा का उल्लंघन है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. वहीं इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने साफ किया है कि संसद दिल्ली राज्य के लिए कोई कानून बना सकती है. इसलिए इस बिल को संसद के सामने पेश करने की अनुमति दी जाए. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी.

GNCT (संशोधन) बिल 2023 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, 'संविधान ने सदन को शक्ति दी है कि वह दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून पारित कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने भी स्पष्ट कर दिया हैकि दिल्ली राज्य के बारे में संसद कोई भी कानून बना सकती है. सभी आपत्तियां राजनीतियां है. कृपया मुझे यह बिल लाने की अनुमति दें.'
 

  • गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली अध्यादेश बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है.
  • संसद का सत्र शुरू होते ही लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है. राज्यसभा को भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

जिस अध्यादेश को संसद में पेश किया जाना है वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करना चाहता है. इससे पहले, राष्ट्रपति ने इस साल 19 मई को विवादास्पद अध्यादेश जारी किया था, इससे दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. प्रस्तावित विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा, इसके लिए संसद में वोटिंग होनी है. दिल्ली सरकार इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है और कह रही है कि यह उसके अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर निर्णय लेने की उसकी शक्तियों को बाधित करता है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में स्कूली लड़कों ने लड़की के पानी की बोतल में मिलाई पेशाब, जमकर हुआ बवाल

AAP ने कहा- हम पूरा जोर लगाएंगे
इस मामले पर AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा, 'वे पहले भी इस बिल को लोकसभा में ला चुके हैं तो उन्हें लाने दीजिए. हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने की कोशिश करेंगे. यह बिल किसी खास पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. यह संविधान और देश के लोगों के खिलाफ है. ऐसे में हम हर सदस्य से अपील करते हैं कि वे इसका विरोध करें और लोकतंत्र की रक्षा करें.'

यह भी पढ़ें- गुरुग्राम, फरीदाबाद तक पहुंची हिंसा की आग, क्यों जल रहा हरियाणा, पढ़ें मामले से जुड़ा हर एक अपडेट

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली में कुछ मुद्दों को छोड़कर बाकी के सभी अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होंगे. इसके बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई थी और नियमों में बदलाव कर दिए थे. अब इसी अध्यादेश को संसद में पास कराने की कोशिश है क्योंकि किसी भी अध्यादेश को संसद का सत्र शुरू होने के 6 हफ्तों में पास करवाना जरूरी होता है वरना वह अध्यादेश रद्द हो जाता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.